पाकिस्तान को भारी पड़ेगा... तालिबान को हटाने के लिए ISI ने दुश्मनों से मिलाया हाथ तो एक्सपर्ट ने दी चेतावनी, भारत की होगी बल्ले-बल्ले
इस्लामाबाद : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बीते कुछ समय लगातार तनाव देखा गया है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में पनाह पा रहे टीटीपी जैसे संगठन उसकी जमीन पर आतंकी हमले कर रहे हैं। वहीं अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान इन आरोपों को नकार रहा है। अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान अपनी कमी छुपाने को दोष उनके सिर डाल रहा है। दोनों देशों में जारी इस तनातनी के बीच ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं, जो कहती हैं कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसर तुर्की में तालिबान विरोधी निर्वासित अफगान नेताओं के साथ सीक्रेट बैठक कर रहे हैं।द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान और तालिबान सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच आईएसआई अफगानिस्तान में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तालिबान विरोधी नेताओं से संपर्क बढ़ा रहा है। हालांकि उसकी यह कोशिश खतरनाक साबित हो सकती है। पूर्व अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जल्मय खलीलजाद का कहना है कि पाकिस्तान इन नेताओं को तालिबान से डील में 'सौदेबाजी के मोहरे' के रूप में इस्तेमाल करेगा। ऐसे में अफगान नेताओं को आईएसआई के खेल में मोहरा बनने से बचना चाहिए। अफगानी नेता त...