हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने किया भगवान को खोजने का दावा, पहली बार गणित के सूत्र का खुलासा, क्या हर किसी से मिलेंगे ईश्वर?

वॉशिंगटन: दुनिया में दर्जनों धर्म हैं और हर धर्म में अलग अलग भगवान हैं। लेकिन अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक, जो एक खगोलशास्त्री और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, उन्होंने भगवान को खोजने वाला फॉर्मूला बनाने का दावा किया है। डॉ. विली सून ने एक अभूतपूर्व खुलासा करते हुए दावा किया है कि एक गणितीय सूत्र ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण सामने लाता है। उन्होंने दावा किया है कि भगवान वास्तव में हैं और एक सूत्र से उनके होने की पुष्टि होती है। टकर कार्लसन नेटवर्क से बात करते हुए प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने अपना सूत्र दुनिया के सामने पेश किया है। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया है कि ब्रह्मांड के रहस्य सिर्फ सितारों में ही नहीं लिखे जा सकते हैं, बल्कि वो गणित की थ्योरी में भी लिखी जा सकती है।डॉ. विली सून के सिद्धांत के केन्द्र में "फाइन ट्यूनिंग तर्क" है। इसे अगर सरल शब्दों में समझें तो यह सुझाव देता है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियम जीवन को सहारा देने के लिए इतने सटीक रूप से कैलिब्रेट किए गए हैं, कि यह सिर्फ संयोग से नहीं हो सकता। रिपोर्ट के मुताबिक भगवान को खोजने वाले इस सूत्र को सबसे पहले कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के गणितज्ञ पॉल डिराक ने प्रस्तावित किया था। जिसमें उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला था, कि कैसे कुछ ब्रह्मांडीय स्थिरांक आश्चर्यजनक सटीकता के साथ एक दूसरे के साथ मिले होते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी घटना है, जिसने दशकों से वैज्ञानिकों को हैरान कर रखा है। भगवान को खोजने वाला फॉर्मूलागणितज्ञ पॉल डिराक ने अनुमान लगाया है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियमों का सही संतुलन गणितीय सिद्धांत को आधार बनाकर उसका विश्लेषण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये बहुत सुंदर और शक्तिशाली है, लेकिन इसे समझना अत्यंत मुश्किल है और इसे समझने के लिए किसी के पास काफी ज्यादा बुद्धि और सोचने समझने की ताकत होनी चाहिए। पॉल डिराक ने साल 1963 में अपनी किताब में लिखा था कि "शायद इस स्थिति का वर्णन यह कहकर किया जा सकता है कि ईश्वर एक बहुत बड़े गणितज्ञ हैं। उन्होंने ब्रह्मांड के निर्माण में बहुत एडवांस गणित का उपयोग किया है।" आपको बता दें कि डिराक को 'एंटीमैटर का जनक' माना जाता है। उन्होंने 1932 में वास्तव में इसकी पुष्टि होने से पहले ही एक गलती से इसका अस्तित्व खोज लिया था।डॉ. सून ने भी पॉडकास्ट में भगवान के अस्तित्व के बारे में अपनी बात समझाने के लिए डिराक की थ्योरी का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि "हमेशा मौजूद रहने वाली शक्तियों के बहुत सारे उदाहरण हैं जो हमें अपने जीवन को रोशन करने लायक बनाते हैं।" हालांकि कई वैज्ञानिक धर्म को विज्ञान से जोड़ने की बात से कतराते हैं, लेकिन डॉ. सून ने तर्क दिया है कि गणित और ब्रह्मांड के बीच के संबंध को जानने से पता चलता है कि इसे एक निश्चित पैटर्न पर जानबूझकर डिजाइन किया गया है। जो ईश्वर ने ही किया होगा। उन्होंने कहा कि "भगवान ने हमें यह प्रकाश दिया है, ताकि हम प्रकाश को फॉलो करें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।"


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