अफसरों ने PF-ग्रेच्‍युटी के 80 लाख दबाए! बीमार रिटायर्ड स्‍टेनो ने ट्रेन से कटकर जान दे दी

लखनऊ: सिप्‍सा में तैनात रहे 57 साल के स्‍टेनो राजेंद्र कुमार जोशी ने शनिवार दोपहर ट्रेन के आगे कूदकर आत्‍महत्‍या कर ली। बताया जा रहा है कि सिप्‍सा के अफसरों ने जोशी के पीएफ और ग्रेच्‍युटी के करीब 80 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया। साथ ही 30 फाइलें गायब होने का आरोप लगाकर नोटिस जारी कर दिया था। इस मामले को लेकर जोशी कई दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे। उनकी पत्‍नी निकिता ने सिप्‍सा के फाइनेंस कंट्रोलर बृज बिहारी कुशवाहा समेत कई अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। निकिता का आरोप है कि अफसरों ने पति के पीएफ और ग्रेच्‍युटी का पैसा दबा लिया था। पति ने बीमारी की वजह से 11 मई, 2024 को वीआरएस ले लिया था। आर्थिक तंगी की वजह से वह अपना इलाज नहीं करा पा रहे थे। परिवार भुखमरी के कगार पर है। इससे परेशान होकर पति ने छठा मील इलाके में ट्रेन से कटकर जान दे दी।

एक महीने से खाना नहीं खा रहे थे पति: निकिता

निकिता ने बताया कि पति एक महीने से खाना नहीं खा रहे थे। हर समय यही कहा करते थे कि सोचा था कि पीएफ का पैसा मिल जाएगा तो बुढ़ापा आराम से कट जाएगा। इन अधिकारियों ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा। पत्‍नी ने उच्‍च अधिकारियों ने मामले की जांच कर आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की है।

गायब फाइलों की वजह से नहीं जारी हुई एनओसी: फाइनेंस कंट्रोलर

दूसरी ओर, फाइनेंस कंट्रोलर बृज बिहारी कुशवाहा ने बताया कि राजेंद्र कुमार जोशी के चार्ज में कुछ फाइलें थीं। उनमें से 30 फाइलें गायब मिलीं। उनको खोजने के लिए टाइम दिया गया था लेकिन वह खोजने में नाकाम रहे। पीएफ और ग्रेच्‍युटी जारी करने से पहले एनओसी देनी पड़ती है। गायब फाइलों की वजह से एनओसी नहीं मिली। इसलिए जोशी का पैसा फंसा हुआ था।


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