भारत के खिलाफ खतरनाक खेल रहे ट्रूडो, कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को खतरा, कांसुलेट को रोकना पड़ा काम

ओट्टावा: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को खुली छूट के बाद वहां मौजूद भारतीय राजनयिक मिशन की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। इसके चलते टोरंटो में मौजूद भारत के वाणिज्य दूतावास को अपने कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं। टोरंटो के भारतीय कांसुलेट ने घोषणा की है कि कनाडाई सुरक्षा अधिकारियों की तरफ से न्यूनतम सुरक्षा देने में विफल रहने के बाद अपने कुछ निर्धारित कांसुलेट कैंप शिविरों को रद्द कर दिया है। भारतीय कांसुलेट की पोस्ट में कहा, 'सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता जाहिर करने के मद्देनजर, वाणिज्य दूतावास ने कुछ निर्धारित कांसुलेट कैंप्स को रद्द करने का निर्णय लिया है।' वाणिज्य दूतावास की यह घोषणा भारत विरोधी चरमपंथियों के हमले के बाद की गई है।

कांसुलेट के कार्यक्रम पर खालिस्तानियों का हमला

भारतीय वाणिज्य दूतावास ने टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदी सभा मंदिर के बाहर एक वाणिज्य दूतावास शिविर का आयोजन किया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों ने घुसकर हमला किया था। भारत ने कांसुलेट के कार्यक्रम पर हमले को लेकर उच्च स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

भारत ने जताया था विरोध

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'जानबूझकर किया गया हमला' बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि इस तरह के हमले भारत के राजनयिक मिशन के इरादों को कमजोर नहीं कर सकेंगे। कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने ब्रैम्पटन में हिंसक हमले को लेकर एक बयान जारी किया था और इसकी निंदा की थी। उच्चायोग ने लिखा, 'स्थानीय सह-आयोजकों के पूर्ण सहयोग से हमारे वाणिज्य दूतावासों द्वारा आयोजित किए जाने वाले नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी कार्यों में इस तरह के व्यवधानों को अनुमति देना अत्यंत निराशाजनक है। हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर ही इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।'


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