लोकसभा के चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे कांग्रेस के 'कमांडर'? कांग्रेस के भीतर ये क्या चल रहा है

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के भीतर से एक बड़ी खबर सामने आई है। ऐसी संभावना है कि कांग्रेस प्रमुख इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इस खबर के बाद कुछ वर्गों में खतरे की घंटी बजा दी है। लोकसभा के मैदान में कांग्रेस के कमांडर के मैदान से हटने की खबर को लेकर हालांकि, आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। अगर ऐसा होता है कि कांग्रेस के नेताओं के साथ ही लाखों कार्यकर्ताओं में इसका संदेश ठीक नहीं जाएगा। कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि खरगे को आगे बढ़कर लोकसभा चुनाव में नेतृत्व करना चाहिए।

पूरे देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं खरगे

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खरगे ने एक महत्वपूर्ण पहलू की ओर इशारा किया है। उनका कहना है कि वे अपने पर्सनल प्रचार अभियान में शामिल हुए बिना व्यापक तौर पर पार्टी का ध्यान रखना चाह रहे हैं। खरगे ने कहा है कि वह एक निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहते बल्कि पूरे देश में ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इससे पह कर्नाटक के लिए उम्मीदवारों की सूची में खरगे के नाम पर सर्वसम्मति थी। पिछले सप्ताह हुई चर्चा में उनके गुलबर्गा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की बात थी। रिपोर्ट में करीबी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि खरगे की तरफ से अपने दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को चुनाव लड़वाया जा सकता है।

गुलबर्गा से दो बार सांसद रहे हैं खरगे

खरगे गुलबर्गा संसदीय क्षेत्र से दो बार जीत हासिल कर चुके हैं। हालांकि, 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से वह राज्यसभा में हैं। खरगे राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं। उनके पास उच्च सदन में अभी चार साल और बचे हैं। खरगे के बेटे प्रियांक खरगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। वास्तव में, कांग्रेस आम चुनाव के लिए राज्य के मंत्रियों को उतारने से बच रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष लड़ते रहे हैं चुनाव

कांग्रेस में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव नहीं लड़ने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हाल के वर्षों में, सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने चुनाव लड़ा और जीता है। , हालांकि राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से पार्टी का गढ़ में हार गए थे। दूसरी तरफ बीजेपी में जेपी नड्डा भी इस साल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। 2014 और 2019 में, तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अमित शाह ने लखनऊ और गांधीनगर से बड़ी जीत हासिल की


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