अनुच्छेद 370 पर आया भारतीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला देख सदमें में पाकिस्तानी मीडिया, जम्मू-कश्मीर पर क्या कहा

इस्लामाबाद: सुप्रीम कोर्ट की ओर से सोमवार को अनुच्छेद 370 से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला दिया गया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया। 16 दिन तक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। इस फैसले पर सबसे ज्यादा नजर पाकिस्तान की है। पाकिस्तान की मीडिया में सबसे पहले जियो न्यूज ने इस खबर को दिखाया।जियो ने अपनी खबर में लिखा कि विशेष दर्जा की गारंटी देने वाले अनुच्छेद 370 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी प्रावधान बताया। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे रद्द कर दिया था। रिपोर्ट ने इसे एक 'अवैध कदम' बताते हुए कहा कि इसके लिए भारत ने हजारों की फोर्स तैनात की थी। जियो ने भारतीय जम्मू कश्मीर को अपनी खबर में इसे 'कब्जा किया गया क्षेत्र' लिखा। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से शाम चार बजे इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।

चुनाव कराने का दिया निर्देश

जियो ने अपनी रिपोर्ट में याचिकाकर्ताओं के तर्क का जिक्र किया। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक अनुच्छेद 370 को केंद्र की ओर से एकतरफा समाप्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान के न्यूज आउटलेट डॉन ने लिखा, 'भारत की शीर्ष अदालत ने कश्मीर की विशेष स्थिति को एक अस्थायी प्रावधान बताया।' इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा चिंता जताते हुए कहा गया कि अब भारत के बाकी लोग भी कश्मीर में रह सकते हैं और जमीन ले सकते हैं।

'डेमोग्राफी बदलने का प्रयास'

डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि, 'कश्मीरियों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और भारत की हिंदू राष्ट्रवादी नेतृत्व की सरकार के आलोचकों ने इस कदम को हिंदू निवासियों के जरिए मुस्लिम बाहुल कश्मीर की डेमोग्राफी को कमजोर करने का प्रयास करार दिया।' हालांकि ऐसा लिखते हुए उसने किसी के भी बयान का जिक्र नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रपति अगर 370 पर फैसला देते हैं तो उस पर कोर्ट का दखल नहीं है। 370 युद्ध के कारण एक अस्थायी व्यवस्था थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्थाई घोषित किया।


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