हाथ को आया मुंह न लगा... खेल में वो 3 सपने जो रह गए 2023 में अधूरे, करोड़ों दिल टूटकर बिखर गए
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नई दिल्ली: भारतीय खेलों के लिए ओवरऑल 2023 शानदार रहा। भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा की पूरे साल तूती बोली तो एशियन गेम्स में पहली बार भारत ने सैकड़ा पूरा किया। महिला और पुरुष क्रिकेट टीमों ने गोल्ड मेडल अपने नाम किए तो भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी अपने पास रखी। वनडे और टी-20 सीरीजों में भी दमदार प्रदर्शन किए, लेकिन दो मैचों में ऐसी हार मिली, जिसने करोड़ों दिलों को चूर-चूर कर दिया। इसके अलावा एक और ऐसा मौका रहा, जहां भारत इतिहास रचते-रचते रह गया। आइए देखें भारतीय खेलों में उन तीन उपलब्धियों के बारे में, जो भारत के नाम नहीं हो सकीं...विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने तोड़ा सपनासबसे पहला मौका भारत के पास टेस्ट में विश्व विजेता बनने का था। इंडियन प्रीमियर लीग के तुरंत बाद भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड पहुंची और वहां उसे ऑस्ट्रेलिया से आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में खेलना था। यहां वह लगातार दूसरी बार विजेता का सपना लिए पहुंची थी। इससे पहले न्यूजीलैंड उसे हरा चुका था। इस बार कप्तान थे तो माना जा रहा था कि करिश्मा होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।ऑस्ट्रेलिया ने द ओवल में 209 रनों के बड़े अंतर से हराते हुए खिताब पहली बार अपने नाम किया। ट्रैविस हेड और स्टीव स्मिथ ने सेंचुरी जड़ी तो ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत ने पहली पारी में 296 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 8 विकेट पर 270 रन स्कोर बोर्ड पर टांगे। भारी भरकम लक्ष्य के जवाब में भारत 234 रनों पर ढेर हो गया।लगातार 10 जीत, लेकिन का खिताब चूक गया भारतवनडे विश्व कप का खिताबी मुकाबला कौन भूल पाया है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को लीग मैचों में बुरी तरह हराया था। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम ने लगातार 10 मैचों में जीत दर्ज किए। उसकी पेस, स्पिन और बैटिंग के आगे बड़े-बड़े सूरमाओं की हालत खराब थी, लेकिन खिताबी मुकाबले में जिस बात का डर था वही हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में 6 विकेट से हराते हुए छठी बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया। यहां भी ट्रैविस हेड ने 137 रनों की नाबाद पारी खेली और भारत का सपना चूर-चूर कर दिया। में चूके रमेशबाबू प्रज्ञानंदाग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानंदा ने शतरंज में असाधारण कौशल का प्रदर्शन करते हुए प्रसिद्ध फैबियानो कारूआना को हराकर FIDE विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने मैग्नस कार्लसन के खिलाफ खिताबी मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन जीत नहीं सके। इस तरह से उन्होंने विश्व पटल पर अपने नाम का डंका बजाने में वह कामयाब रहे। उम्मीद है अगली बार प्रज्ञानंदा इस कसर को पूरा करने में कामयाबी हासिल करेंगे।
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