बाज नहीं आ रहा है चीन, उत्‍तराखंड के दूसरी ओर 15 दिन में गश्‍त लगा रहे चीनी सैनिक, फैलते जा रहे चीन के गांव

बीजिंग: चीन की तरफ से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति कभी सामान्‍य होगी, इसकी उम्‍मीदें अब बहुत ही कम नजर आती हैं। अखबार द हिंदू की रिपोर्ट से तो कम से कम ऐसा ही लगता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, एलएसी के दूसरी तरफ मॉडल गांवों का विस्‍तार करने में लगा है। चीन की भाषा में इसे जियाओकांग कहते हैं यानी वो गांव जो काफी समृद्धशाली होते हैं। अखबार की मानें तो पूर्वी और मध्‍य सेक्‍टर्स में इनका विस्‍तार किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कुछ इलाकों में पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है। तेजी हो चीन बना रहा गांव सूत्रों के मुताबिक उत्‍तराखंड के बाराहोती के ठीक सामने चीन तेजी से गांवों का निर्माण कर रहा है। यह वह जगह है जहां पर भारत के साथ चीनी सेना का टकराव हो चुका है। इंटेलीजेंस की मानें तो चीन की तरफ से 90-100 दिनों के अंदर ही मल्‍टीस्‍टोरी बिल्डिंग्‍स बनाकर खड़ी कर दी जाती हैं। बहुमंजिला ब्लॉकों में वह 300-400 घरों का निर्माण कर रहा है। सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया है कि पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की गश्त 15 दिनों या उससे भी कम समय में देखी गई है। जबकि पहले एक सीजन में एक बार ही गश्त की जाती थी और वह भी करीब तीन या चार महीने में ही होती थी। तिब्‍बत में भी गांव इसी तरह से माणा, नीति और थंगला इलाकों में भी छोटे-छोटे गश्ती दलों को देखा गया है। इसी तरह से तिब्‍बत के थोलिंग क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम में एक सीमावर्ती गांव के निर्माण की भी खबरें हैं। यहां पर गांव के साथ ही एक मिलिट्री कॉम्‍प्‍लेक्‍स भी नजर आ रहा है। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही जगहों पर बिल्डिंग्‍स का निर्माण पूरा हो चुका है। अरुणाचल प्रदेश के केमांड क्षेत्र के ठीक सामने, कुना में दो नए गांव बस गए हैं। इन गांवों में 41 रिहायशी यूनिट्स, ग्रीनहाउस और सोलर लाइट का इंतजाम किया गया है। यहां पर मेनबा जातीय समुदाय के करीब 200 लोग बसे हैं। 2020 से जारी टकराव सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि कई और जगहों पर भी गांव के अलावा बहुमंजिला मिलिट्री कॉम्‍प्‍लेक्‍स है। यह कॉम्‍प्‍लेक्‍स सीसीटीवी और वॉच टावर्स से घिरा हुआ है। इसी तरह से रणनीतिक तौर से महत्वपूर्ण 'सिलीगुड़ी कॉरिडोर' के सामने चुंबी घाटी समेत एलएसी के दूसरे हिस्‍सों में भी गांवों का निर्माण तेजी से जारी है। अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव शुरू हुआ था। इसके बाद से ही पीएलए की तरफ से एलएसी के साथ दूसरे क्षेत्रों में भी अतिक्रमण जारी है। अगस्त 2021 में, 100 से ज्‍यादा चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोटी में भारतीय क्षेत्र में चार या पांच किमी के अंदर तक दाखिल हो गए थे। हालांकि कुछ ही घंटों बाद ये वापस लौट गए थे।


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