अमेरिका और चीन की 'जंग' में किस करवट बैठेगा कंगाल पाकिस्तान? टेंशन में ड्रैगन, बीजिंग पहुंचे मुनीर

इस्‍लामाबाद/बीजिंग: पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार चीन की यात्रा पर पहुंचे हैं। चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के वाइस चेयरमैन झांग योउक्सिआ ने जनरल मुनीर के साथ मुलाकात के बाद कहा कि उनका देश पाकिस्‍तानी सेना के साथ रिश्‍ते को न केवल विस्‍तार देगा बल्कि उसे और मजबूत करेगा। चीन भले ही दिखावे के लिए पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍ते मजबूत करने का ऐलान कर रहा है लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्‍तान की कंगाली और खराब सुरक्षा हालात उसके लिए चिंता का सबब बन गई है। चीन ने जनरल मुनीर के सत्‍ता संभालने के 5 महीने बीत जाने के बाद अब उन्‍हें बुलाया है जो दोनों के बीच रिश्‍तों में आई दरार को दिखाता है। चीन की सेना के मुख्‍यालय में जनरल मुनीर का स्‍वागत किया गया। जनरल मुनीर और चीनी सेना के कमांडर ने साझा सुरक्षा हितों और सैन्‍य सहयोग पर चर्चा की। पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा कि दोनों सैन्‍य कमांडरों ने आपसी सुरक्षा हितों पर चर्चा के साथ-साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बरकरार रखने पर जोर दिया। पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख अब चीन के अन्‍य शीर्ष सैन्‍य कमांडरों के साथ मुलाकात कर रहे हैं। विश्‍लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात में भारत और अमेरिका का भी मुद्दा प्रमुखता से उठेगा।

पाकिस्‍तान पर चीन का 30 अरब डॉलर कर्ज

यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच प्रभुत्‍व कायम करने की होड़ लगी हुई। अमेरिका के प्रभाव वाला आईएमएफ पाकिस्‍तान को कर्ज नहीं दे रहा है, वहीं चीन ने पाकिस्‍तान को डिफॉल्‍ट होने से बचाने के लिए नया कर्ज दिया है। पाकिस्‍तान के कर्ज संकट की प्रमुख वजह भी चीन है जो अब तक 30 अरब डॉलर से ज्‍यादा का कर्ज लाद चुका है। पाकिस्‍तान में चीन सीपीईसी योजना चला रहा है और इसके जरिए वह अपने फायदे के लिए ग्‍वादर बंदरगाह और कई आधारभूत ढांचे से जुड़े प्रॉजेक्‍ट को अंजाम दे रहा है।पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट में विश्‍लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्‍तानी आर्मी चीफ की इस यात्रा पर पश्चिमी देशों के राजनयिकों की करीबी नजर है। इस यात्रा से यह तय होगा कि चीन बनाम अमेरिका की लड़ाई में पाकिस्‍तान की भविष्‍य की रणनीति क्‍या होगी। अब तक पाकिस्‍तान ने कोशिश की है कि वह अमेरिका और चीन दोनों का ही फायदा उठाया जाए। कई विश्‍लेषकों का कहना है कि अब जिस तरह से महाशक्तियों के बीच विवाद चल रहा है, पाकिस्‍तान को किसी एक का पक्ष लेना ही होगा।

'चीन पाकिस्‍तान को खैरात में सबकुछ नहीं दे सकता'

चीन के साथ काम करने वाले पाकिस्‍तान के निवेश बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हारुन शरीफ कहते हैं कि 30 अरब डॉलर के कर्ज और भविष्‍य के दांव पर लगे होने के कारण पाकिस्‍तान चीन को पीठ नहीं दिखा सकता है। विश्‍लेषकों का कहना है कि चीन पाकिस्‍तान को खैरात में सबकुछ नहीं दे सकता है क्‍योंकि वह चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंत‍ित है और उसके चलाए जा रहे बिजलीघरों का काफी पैसा पाकिस्‍तान में फंसा हुआ है। इन सबसे इतर चीन इस बात से चिंतित है कि पाकिस्‍तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती जा रही है। उन्‍होंने कहा कि चीन यह जानना चाहेगा कि इन सब विषयों पर पाकिस्‍तान के नए आर्मी चीफ की क्‍या राय है।


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