जो राम का नहीं वो किसी का नहीं, मठ-मंदिर में सपाइयों को घुसने नहीं देंगे...संतों ने खोला मोर्चा

प्रयागराजः समाजवादी पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रयागराज के माघ मेले में भी हड़कंप मचा दिया है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रमोशन से माघ मेले में साधु-संत भड़क गए हैं। इसके जरिए उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है और ऐलान किया है कि अब सपा के पतन का समय आ गया है। संत अब लोकसभा चुनाव में सपा के बहिष्कार के लिए कल्पवासियों को संकल्प दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी का बयान अब सिर्फ उनका ही नहीं, अखिलेश का भी है क्योंकि उन्होंने यह बयान देने के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य का प्रमोशन किया है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास ग्रंथ बताया था और इसकी एक चौपाई पर आपत्ति जताते हुए सरकार से इसे बैन करने की मांग की थी।राष्ट्रीय महासचिव बने स्वामी, संत भड़केस्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का संतों ने तो विरोध किया था। साथ ही राजनैतिक दलों और सपा के भी नेताओं ने बयान को आपत्तिजनक माना था। इसे लेकर कई जगहों पर स्वामी के खिलाफ उग्र प्रदर्शन भी हुए लेकिन इसी बीच सपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन के बाद संतों का विरोध सिर्फ स्वामी प्रसाद मौर्य से शिफ्ट होकर पूरी सपा के खिलाफ हो गया है। दरअसल, अखिलेश यादव ने अपनी नई टीम में 14 लोगों को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। इसमें योगी सरकार में मंत्री रहे और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को भी शामिल किया गया है। वह सपा में शिवपाल, रामगोपाल जैसे पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेताओं के कद के नेता बन गए हैं। संतों ने मौर्य के इस प्रमोशन को उनके बयान पर अखिलेश की सहमति मान लिया है और माघ मेले में सपा मुखिया के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई है। संतों ने कहा- अब यह अखिलेश का बयानसंत शिवयोगी मौनी बाबा महाराज ने ऐलान किया है कि समाजवादी पार्टी के पतन का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि संत समाज ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव में सपा के बहिष्कार के लिए कल्पवासियों को संकल्प दिलाया जाएगा और यह कार्यक्रम माघ मेले में शुरू कर दिया गया है। जो राम का नहीं है। वो किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर दिया गया यह बयान अब केवल स्वामी प्रसाद मौर्य का नहीं बल्कि अखिलेश यादव का माना जा रहा है। मानस का इतना अपमान करने के बाद भी उन्हें प्रमोशन दिया गया। सपा अब सोची-समझी रणनीति के तहत अपमान कर रही है।सपा नेताओं को मंदिर में नहीं घुसने देंगेः संतसंत ने का कि रामचरितमानस गरीब-दलित-आदिवासी को जीने की प्रेरणा देता है। उसका अपमान करने वाले स्वामी को प्रमोशन देने वाले अखिलेश को यह महंगा पड़ेगा। आने वाले समय में यह दिखेगा। हर कल्पवासी, छात्र नौजवान मोर्चे पर मिलेंगे। हम अपने मठ-मंदिरों में सपा नेताओं को प्रवेश नहीं करने देंगे। इनके कार्यक्रमों में जाने का बहिष्कार करेंगे। आप राम, रामायण, भगवद्गीता, भारत माता और राष्ट्रगान का अपमान करेंगे और ऐसा करने वालों को प्रमोशन देंगे तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।


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