500 की जगह 2600₹... होली पर निजी बसों में किराये की लूट, बीच में उतार रहे, जवाबदेही भी नहीं

सुशील कुमार, लखनऊ: होली पर निजी बसों में किराये की लूट शुरू हो गई है। इन बसों में फिलहाल जिस रूट का किराया 500 रुपये प्रति यात्री है, उनमें होली से पहले 12 मार्च के लिए 2000 से 2600 रुपये तक लिए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा मनमानी दिल्ली रूट की निजी बसों में है। ऑनलाइन बुकिंग में भी डायनेमिक फेयर की तर्ज पर किराया बढ़ रहा है। इस बारे में लगातार शिकायतों पर भी परिवहन विभाग ने चुप्पी साध रखी है।बुकिंग वेबसाइटों पर केएसटी, जेएमडी, एके शिल्ड, एजी बस, अंशीराज, अरहान, आरोरा, अशोक, भूमि, बीएसएस कूल कूल, बीटी, चिंतामणि, दीपक राज, ध्रुव, दिवा, दुर्गा, ई-बस इंडिया, फिजा स्मार्ट, जीके ट्रैवेल्स, गोल्डन हॉलिडे, हाइवे स्टार्ट, इंटरनेशल टूरिस्ट, इंटरसिटी स्मार्टबस, जगदंबा, जामा, जय मां काली, जस्ट बस, काशी विश्वनाथ, खजुराहो, केएन नेहरा समेत 40 से ज्यादा बड़े ऑपरेटरों की बसें दिख रही हैं। इन ट्रैवल्स एजेंसियों ने अलग-अलग जगह बुकिंग साइट भी खोल रखी हैं और चार से पांच गुना कर दिया है।

बीच में उतार रहे, जवाबदेही भी नहीं

मनमानी का आलम यह है कि निजी बस संचालक यात्रियों को गंतव्य तक भी नहीं छोड़ रहे। बीते दिनों चारबाग की एक ट्रैवल्स एजेंसी ने कुछ यात्रियों का भोपाल का टिकट बुक किया, लेकिन उन्हें पहले ही उतार दिया। यात्रियों ने एक विडियो साझा कर इसकी शिकायत भी की थी।

नए नियम का फायदा?

परिवहन विभाग के नियम के तहत ऑल इंडिया परमिट होने पर करीब तीन लाख रुपये फीस चुकाकर व्यक्तिगत कॉन्ट्रैक्ट पर निजी बसें चलाई जा सकती हैं। इसके तहत सिर्फ एक यात्री भी सीट का कॉन्ट्रैक्ट कर सकता है, बशर्ते बुकिंग रूट के बीच में किसी को नहीं बैठाया जाएगा। विभाग ने इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए कोई रेट तय नहीं किया है। निजी बस संचालक इसका फायदा उठाकर मनमाना किराया वसूल रहे हैं।


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