टोंक: क्या समरावता कांड को रोका जा सकता था ? कलेक्टर सौम्या झा के साथ पहुंचे SC/ST आयोग सदस्य ने जानीं सच्चाई
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टोंक : राजस्थान में बहुचर्चित समरावता थप्पड़ कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। उपचुनाव के दिन गांव में हुई हिंसा के मामले में जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य टोंक पहुंच गए। एसपी विकास सांगवान और कलेक्टर सौम्या झा के साथ पहुंचें आयोग सदस्य निरुपम चकमा ने इस दौरान समरावता मामले को अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। इसके समरावता मामले से जुड़ी अधिकारियों की बैठक के वीडियों फुटेज भी देखे। उन्होंने कहा कि मामले में इस बात की जांच की जाएगी कि इसमें किसी बाहरी साजिश का हाथ तो नहीं है, क्या इस घटना को रोका जा सकता था। इन सभी बिंदुओं पर आयोग के सदस्य जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।
आयोग सदस्य ने अधिकारियों की बैठक के वीडियो फुटेज देखें
टोंक पहुंचे आयोग के सदस्य दो दिवसीय दौरे तक विभिन्न पहलुओं पर जांच करेंगे। इस दौरान उन्होंने जिला परिषद सभागार में हुई बैठक के दौरान प्रकरण से जुड़े कई वीडियो फुटेज भी देखे। साथ ही घटनाक्रम की हर पहलु पर समीक्षा की। बाद में आयोग सदस्य ने मीडिया से भी बातचीत की। इसमें निरुपम चकमा ने बताया कि आयोग का उद्देश्य पूरे मामले में निष्पक्ष विचार और निष्कर्ष देना है। उन्होंने कहा कि यह जानने की कोशिश की कि समरावता में यह घटना क्यों घटी और इसके पीछे के कारणों की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है।समरावता गांव में ग्रामीणों के बयान करेंगे दर्ज
दो दिवसीय दौरे के तहत आयोग की टीम आज समरावता गांव जाएंगी, जहां गांव का दौरा किया जाएगा। सदस्य निरुपम चकमा ने बताया कि आयोग की टीम गांव में ग्रामीणों के बयान दर्ज करेगी। साथ ही प्रकरण से जुड़े तथ्यों की पुष्टि की जाएगी। उन्होंने यह कहा कि आयोग को जो भी शिकायतें मिली हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि निष्पक्षता के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।समरावता मामले में आयोग को की गई थी शिकायतबता दें कि गत वर्ष उपचुनाव के दिन 13 नवम्बर को देवली-उनियारा के समरावता मतदान केंद्र पर थप्पड़ कांड के बाद गांव में जमकर बवाल हुआ था। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इसमंे हिंसा, आगजनी, उपद्रव और लाठीचार्ज जैसी घटनाएं भी हुई। इसके बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग के सदस्य निरुपम चकमा जांच के लिए टोंक पहंुचे।थप्पड़ कांड के बाद से नरेश मीणा जेल मेंसमरावता गांव में 13 नवम्बर को हुए थप्पड़ कांड के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अभी भी जेल में बंद है। इस मामले में 62 में 61 आरोपियों की जमानत हो चुकी है, लेकिन नरेश मीणा अभी जेल में बंद है, उनकी अभी तक जमानत नहीं हो पाई है। इधर, बीते दिनों जेल से छूटने के बाद नरेश के समर्थकों ने नरेश की रिहाई के लिए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। बता दें कि नरेश मीणा की दो बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।from https://ift.tt/q8QX0do
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