रूसी हथियार हासिल करना चाहता है पाकिस्‍तान? पुतिन के तानाशाह दोस्‍त पहुंचे इस्‍लामाबाद, भारत के लिए खतरा

इस्‍लामाबाद: रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का दौर और ज्‍यादा भीषण हो गया है। यूक्रेन जहां लंबी दूरी की मिसाइलों रूसी इलाकों पर हमला कर रहा है, वहीं मास्‍को की सेना भी नई किलर मिसाइलों से यूक्रेनी इलाके में तबाही मचा रही है। इस लड़ाई में रूस का सबसे बड़ा करीबी बेलारूस बनकर उभरा है। बेलारूस के तानाशाह अलेक्‍जेंडर लुकाशेंको अक्‍सर परमाणु युद्ध के खतरे की धमकी देते रहते हैं। लुकाशेंको और रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन अक्‍सर एक-दूसरे से मिलते रहते हैं और नाटो को धमकाते रहते हैं। यूक्रेन युद्ध के बीच लुकाशेंको अब पाकिस्‍तान की यात्रा पर पहुंचे हैं जिस पर यूरोप के नाटो देशों की भी नजर है। वहीं भारत भी इस दौरे पर करीबी नजर गड़ाए हुए है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि बेलारूस पाकिस्‍तान को लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाने में मदद कर रहा है जो नई दिल्‍ली के लिए बड़ा खतरा हैं। कई पाकिस्‍तानी व‍िश्‍लेषक यह भी दावा कर रहे हैं कि बुशरा बीवी का इमरान खान की रिहाई के लिए प्रदर्शन भी पश्चिमी देशों के इशारे पर किया जा रहा है। इस यात्रा के महत्‍व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लुकाशेंको के पाकिस्‍तान पहुंचने के बाद पीएम शहबाज शरीफ ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए एयरपोर्ट पर उनका स्‍वागत किया। लुकाशेंको ने पाकिस्‍तान के डेप्‍युटी पीएम इशाक डार के साथ मुलाकात के बाद गाजा संकट पर समन्‍वय का आह्वान किया और इस संकट के शांतिपूर्ण तरीके हल पर जोर दिया।

रूस के हथियारों पर पाकिस्‍तान की नजर

बेलारूस के राष्‍ट्रपति 3 दिन तक पाकिस्‍तान में रहेंगे और शहबाज शरीफ से लेकर आर्मी चीफ तक से मिलने की बात कही जा रही है। इस दौरान दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों और रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इससे पहले बेलारूस के पीएम गोलोवचेंको भी अक्‍टूबर में पाकिस्‍तान की यात्रा पर आए थे और उन्‍होंने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी। दोनों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने का ऐलान किया था। बेलारूस चाहता है कि वह पाकिस्‍तान के साथ सैन्‍य रिश्‍ते मजबूत करे।पाकिस्‍तानी विश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तान और बेलारूस के बीच रक्षा संबंध बहुत मजबूत हैं। बेलारूस कभी सोवियत संघ का हिस्‍सा रहा है और आज भी उसके पास रूसी सैन्‍य साजो सामान की तकनीक है। रूस आज भी बेलारूस को अत्‍याधुनिक हथियार मुहैया करा रहा है। अमेरिका का कहना है कि बेलारूस से पाकिस्‍तान रक्षा तकनीक लेने की कोशिश कर रहा है। इस साल अप्रैल महीने में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बेलारूस की एक डिफेंस कंपनी पर प्रतिबंध लगाया था। बेलारूस की इस कंपनी पर आरोप है कि वह पाकिस्‍तान को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को बनाने में मदद देने वाली तकनीक मुहैया करा रही थी।

बेलारूस की हथियार कंपनी पर अमेरिका ने लगाया बैन

खबरों के मुताबिक बेलारूस सरकार की कंपनी 'मिंस्‍क व्‍हील ट्रैक्‍टर प्‍लांट' ने पाकिस्‍तान को स्‍पेशल व्‍हीकल चेसिस की आपूर्ति की थी जिसका इस्‍तेमाल बलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्‍च करने के लिए किया जाता है। इसी पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। यह कंपनी बेलारूस स्‍टेट अथॉरिटी फॉर मिलिट्री इंडस्‍ट्री ऑफ द रिपब्लिक ऑफ बेलारूस का भी हिस्‍सा है। यह सरकारी कंपनी बेलारूस की सेना के लिए आधुनिक और घातक हथियार तथा अन्‍य जरूरी हार्डवेयर बनाती है। इसी वजह से अमेरिका की भी इस यात्रा पर नजर है। अमेरिका इस यात्रा को रूस से भी जोड़कर देख रहा है। पाकिस्‍तान चाहता है कि जिस तरह से भारत रूस से दोस्‍ती बरकरार रखकर तेल समेत कई क्षेत्रों में फायदे ले रहा है, उसी तरह से बेलारूस के साथ दोस्‍ती बढ़ाकर वह इसका लाभ उठाए।


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