बांग्‍लादेश की सत्‍ता छोड़ो नहीं तो... अमेरिका ने शेख हसीना को 1 साल पहले ही दे दिया था अल्‍टीमेटम, सवालों के घेरे में सीआईए

ढाका: बांग्‍लादेश में भारी हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना को इस्‍तीफा देना पड़ा और अब वह भारत में शरण लिए हुए हैं। शेख हसीना को अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने ही शरण देने से इंकार कर दिया है। वहीं अब सऊदी और यूएई के विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। बांग्‍लादेश के इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब अमेरिका सवालों के घेरे में है। कई विश्‍लेषकों का कहना है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने इस तख्‍तापलट में भूमिका निभाई है और वही अब नोबेल विजेता मोहम्‍मद यूनुस को बांग्‍लादेश का पीएम बनाना चाहती है। अमेरिका की भूमिका को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं, क्‍योंकि अमेरिका के उप विदेश मंत्री आफरीन अख्‍तर ने अक्‍टूबर 2023 में ही शेख हसीना को खुली धमकी दे दी थी। यही नहीं शेख हसीना ने 'व्‍हाइट मैन' के ऑफर और साजिश का खुलकर जिक्र किया था। नार्थ ईस्‍ट न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अक्‍टूबर 2023 में अमेरिका की उप विदेश मंत्री आफरीन अख्‍तर ने अमेरिका का यह धमकाने वाला संदेश शेख हसीना को दिया था। आफरीन ने कहा था कि शेख हसीना 3 नवंबर को होने वाले चुनाव के बाद संवैधानिक तरीके से हट जाएं या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इसके बाद शेख हसीना ने अमेरिका की धमकी को दरकिनार कर दिया था और चुनाव में उन्‍हें बड़ी जीत मिली थी। इस चुनाव का विपक्षी दलों ने बहिष्‍कार किया था। इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने बांग्‍लादेश के तत्‍कालीन विदेश मंत्री मसूद बिन मोमेन के साथ 16 अक्‍टूबर 2023 को मुलाकात की थी।

अमेरिका ने शेख हसीना को द‍िए थे दो विकल्‍प

इस मुलाकात के दौरान अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने जहां स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और सभी दलों को शामिल करके चुनाव कराने पर जोर दिया, वहीं रोहिंग्‍या शरणार्थी के मुद्दे पर भी बात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान बांग्‍लादेश के विदेश मंत्रालय के डायरेक्‍टर जनरल मसूद आलम भी मौजूद थे। बांग्‍लादेश के विदेश सचिव ने इस धमकी के बाद अमेरिका को करारा जवाब दिया था और कहा था कि बांग्‍लादेश अपने आंतरिक मामले में अनावश्‍यक हस्‍तक्षेप का कड़ा विरोध करता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने बांग्‍लादेश विदेश मंत्री को दो विकल्‍प दिया था। पहला विकल्‍प था कि शेख हसीना सरकार इस्‍तीफा दे दे और सत्‍ता को राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद शहाबुद्दीन को सौंप दे। अमेरिका ने दूसरा विकल्‍प यह दिया था कि शेख हसीना सरकार अपनी सत्‍ता को संसद के स्‍पीकर शिरिन शर्मिन चौधरी को चुनाव से पहले सौंप दे ताकि निष्‍पक्ष चुनाव का रास्‍ता साफ हो। अमेरिका चाहता था कि शेख हसीना दूसरा विकल्‍प चुने। इसके बाद बांग्‍लादेशी विदेश मंत्री भारत पहुंचे थे और उन्‍होंने यहां कई मंत्र‍ियों से मुलाकात की थी। अमेरिका ने यह भी संकेत दिया था कि अगर बांग्‍लादेश ने पहला या दूसरा विकल्‍प नहीं चुना तो उसके और नेताओं के खिलाफ बहुत कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। शेख हसीना ने अमेरिका के इस अल्‍टीमेटम को खारिज कर दिया था। बाद में शेख हसीना ने कहा था कि एक 'व्‍हाइट मैन' ने उनसे मुलाकात की थी और सैन्‍य अड्डा बनाने की मांग की थी। उन्‍होंने ईसाई राज्‍य बनाने की आशंका भी जताई थी। इस तख्‍तापलट के बाद अब पाकिस्‍तानी आईएसआई के साथ- साथ अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए सवालों के घेरे में आ गई है।


from https://ift.tt/PIZ1G8N

Comments