बांग्लादेश के प्रदर्शन में ISI का हाथ? शेख हसीना ने तैनात की सेना, भारत की नजर
![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/111187721/nbt-video.jpg)
ढाका: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाप प्रदर्शन हो रहा है। पड़ोसी देश में होने वाले इस प्रदर्शन में पाकिस्तान का एंगल भी है, जिस कारण भारत की पूरे मामले पर नजर है। वहीं बांग्लादेश में हालत इतने खराब हो गए हैं कि शेख हसीना सरकार ने गुरुवार शाम को सेना बुला ली है। बांग्लादेश के लिए हाल के वर्षों में यह सबसे बुरा संकट है। कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण राजधानी ढाका समेत अन्य जगहों पर हिंसा बढ़ गई है। झड़पों में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 2500 से ज्यादा घायल हो गए। कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक जमात-ए-इस्लामी की ओर समर्थित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ झड़प की। व्यवस्था बनाए रखने के लिए शेख हसीना को सेना बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।जानकारी के मुताबिक भारत बांग्लादेश में प्रमुख निर्णय निर्माताओं और सुरक्षा प्रतिष्ठान के साथ संपर्क में है। ताकि उस स्थिति का आकलन किया जा सके जो बड़े संकट में तब्दील होता जा रहा है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के बीच भारत ने गुरुवार को पूरे बांग्लादेश में अपने नागरिकों के लिए एडवायजरी जारी की है। शेख हसीमा भारत की करीबी हैं और हाल ही में उन्होंने नई दिल्ली का दौरा किया था। सूत्रों के मुताबिक हसीना को अपनी सरकार की सुरक्षा के लिए राजनीतिक समर्थन के लिए भारत का रुख करना होगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत शासन ढांचे में सुधार को कह सकता है। उनका कहना है कि सिर्फ आरक्षण ही नहीं बल्कि धीमी आर्थिक वृद्धि, नौकरियों की कमी और बढ़ती महंगाई से होने वाले असंतोष का भी आकलन सरकार को करना चाहिए।
बांग्लादेश में इंटरनेट बंद
शेख हसीना सरकार प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के माध्यम से विरोध प्रदर्शनों को भड़काने के मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की कथित भूमिका की जांच कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख बीएनपी नेता विदेश से मदद लेकर प्रदर्शनकारियों को गाइड कर रहे हैं। बांग्लादेश में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में प्रतिबंधित है। लेकिन उसे अपनी छात्र शाखा से ताकत मिलती है, जो दशकों से सड़क पर हिंसा और विरोध प्रदर्शन में लिप्त है। बांग्लादेश में 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में कोटा मिला हुआ है।बांग्लादेश में क्या है आरक्षण
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों की कमी है और जो हैं उनमें से एक बड़ी संख्या आरक्षित है। वर्तमान में आरक्षण प्रणालियों के तहत 56 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं, जिनमें से 30 फीसदी 1971 के मुक्ति संग्राम सेनानियों के वंशजों के लिए है। सबसे ज्यादा विरोध इसी का हो रहा है। वहीं 10 फीसदी पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 फीसदी महिलाओं, पांच फीसदी जातीय अल्पसंख्यक समूहों और एक प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए हैं। बांग्लादेश में तख्तापलट का इतिहास रहा है। 2009 के बाद से शेख हसीना सरकार स्थिरता लाई है।from https://ift.tt/QAvT6K4
Comments
Post a Comment