एशिया में नाटो के आने के डर से घबराया चीन, आसियान देशों से लगाई गुहार, जानें क्यों खौफ में है ड्रैगन
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बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी एशिया में नाटो के बढ़ते प्रभाव को लेकर घबराए हुए हैं। नाटो के 75 साल पूरे होने पर अमेरिका में आयोजित शिखर बैठक के बीच चीन ने एशिया प्रशांत देशों से कहा है कि वे इस 32 सदस्यीय सैन्य गठबंधन से खुद को 'बचाएं।' वांग यी ने थाइलैंड के विदेश मंत्री मैरिस से बातचीत में कहा, 'यह जरूरी है कि नाटो की हिंद-प्रशांत रणनीति के नकारात्मक असर का विरोध करना जरूरी है और नाटो को एशिया प्रशांत में पहुंचने रोका जाए।' चीन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में जापान, फिलीपीन्स, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ मिलकर बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है।मंगलवार को चीन और थाइलैंड के विदेश मंत्रियों ने दूसरी बैठक की है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के नेतृत्व में वॉशिंगटन में नाटो देशों का शिखर सम्मेलन चल रहा है। इसमें दक्षिण कोरिया, जापान और न्यूजीलैंड के नेता पहुंचे हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने अपने रक्षा मंत्री को नाटो बैठक में भेजा है। वांग यी ने पूर्वी एशिया में आसियान पर आधारित क्षेत्रीय सहयोग ढांचे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि एक बंदर प्रतिष्ठान का विरोध करना आवश्यक है। उन्होंने आसियान को चीन का 'दृढ' समर्थन देने का ऐलान किया। वांग यी ने कहा कि आसियान अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर और ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।
चीन नाटो से क्यों डर रहा है ?
वांग यी ने कहा कि यह आवश्यक है कि आसियान देश छोटे गुट बनाने का विरोध करें। साथ ही विदेशी सेनाओं को हस्तक्षेप करने से रोकें। उनका इशारा ऑकस और क्वॉड की ओर था जिसे अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र में बना रहा है। बता दें कि आसियान में 10 देश शामिल हैं जिसमें दक्षिण पूर्वी एशिया के 10 देश शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'चीन आसियान देशों के साथ नजदीकी के साथ काम करने के लिए तैयार है, इसमें थाइलैंड भी शामिल है ताकि उच्च स्तर पर सहयोग हो। संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके।' दरअसल, चीनी विदेश मंत्री को अमेरिका के हिंद प्रशांत प्लान से बड़ा डर सता रहा है। पिछले दिनों चीन की सेना के वरिष्ठ कर्नल और चीन के शोधकर्ता काओ यानझोंग ने अमेरिका के रक्षा मंत्री से पिछले दिनों सवाल किया था कि क्या अमेरिका नाटो का एशियाई संस्करण खड़ा करना चाहता है और गठबंधन बना रहा है। इसमें ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर बनाया गया ऑकस और भारत जापान ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वॉड, तथा जापान और दक्षिण कोरिया के साथ एक और गठबंधन बनाने का हवाला दिया गया। इस पर अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका केवल समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है जो स्वतंत्र और मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं। इसके बाद चीनी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जिंग जिआनफेंग ने कहा कि अमेरिका की इस हिंद प्रशांत रणनीति का इरादा सभी छोटे गठबंधनों को जोड़कर नाटो का एशियाई संस्करण बनाना है ताकि अमेरिका के आधिपत्य को बरकरार रखा जाए।from https://ift.tt/2n4YZVE
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