चीन को लेकर अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान में जुबानी जंग, तालिबान ने पाक सेना को दिया मुंहतोड़ जवाब

काबुल: चीन के इंजीनियरों पर हमले को लेकर तालिबान और पाकिस्‍तान में जुबानी जंग तेज हो गई है। पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता ने आरोप लगाया है कि बम हमले में चीनी इंजीनियरों की हत्‍या की साजिश को अफगानिस्‍तान में रचा गया था। इस हमले में चीन के 5 इंजीनियरों की मौत हो गई थी। पाकिस्‍तानी सेना के इस आरोप पर अब तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अफगानिस्‍तान के लोगों के शामिल होने के आरोप पर तालिबान ने पाकिस्‍तानी सेना के दावे को खारिज कर दिया है। तालिबान ने कहा कि पाकिस्‍तानी सेना यह आरोप लगाकर ध्‍यान भटकाने की कोशिश कर रही है। इससे पहले मार्च में पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत में आत्‍मघाती बम हमला हुआ था जिसमें 5 चीनी इंजीनियर मारे गए थे। तालिबानी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता मुफ्ती इनायतुल्‍ला खोराजमीम ने कहा, 'इस तरह के मामले में अफगान शामिल नहीं हैं।' उन्‍होंने कहा, 'इस तरह की घटनाओं के लिए अफगानिस्‍तान पर आरोप लगाना सत्‍य से ध्‍यान भटकाने की नाकाम कोशिश है। हम इसे कड़ाई से खारिज करते हैं। खैबर पख्‍तूनख्‍वा के जिस इलाके में चीनी नागरिकों की हत्‍या की गई है, वहां पाकिस्‍तानी सेना का कड़ा पहरा है। यह हमला पाकिस्‍तानी सुरक्षा बलों की कमजोरी को दर्शाता है।

पाकिस्‍तान ने 3 लाख अफगानों को बाहर निकाला

पाकिस्‍तान और तालिबान के बीच यह जुबानी जंग पिछले कुछ महीने से तेज हो गई है। पाकिस्‍तान का कहना है कि तालिबान टीटीपी आतंकियों के खिलाफ ऐक्‍शन नहीं ले रहा है जो अफगानिस्‍तान में पनाह लिए हुए हैं। यही नहीं मार्च महीने में पाकिस्‍तानी वायुसेना ने अफगानिस्‍तान के अंदर हवाई हमले किए थे। पाकिस्‍तान ने 3 लाख 70 हजार अफगानों को देश से बाहर जाने के लिए कहा है जो वहां दशकों से शरण लिए हुए थे। पाकिस्‍तान ने कहा कि देश में ज्‍यादातर हमले अफगान नागरिक करते हैं। इस आरोप को तालिबानी सरकार खारिज करती है। पाकिस्‍तानी सेना ने कहा कि देश में काम कर रहे 29 हजार चीनी नागरिकों की सुरक्षा पाकिस्‍तान के लिए शीर्ष प्राथमिकता है। ये चीनी नागरिक सीपीईसी की परियोजनाओं में शामिल हैं। पाकिस्‍तान ने यह आरोप ऐसे समय पर लगाया है जब तालिबान और चीन के बीच रिश्‍ते मजबूत होते जा रहे हैं। चीन ने तालिबानी राजदूत को मान्‍यता दे दी है। चीन चाहता है कि सीपीईसी परियोजना को काबुल और उसके आगे एशिया के अन्‍य देशों तक बढ़ाया जाए। चीन ने सीपीईसी परियोजना में 65 अरब डॉलर खर्च किए हैं। माना जा रहा है कि चीन और तालिबान के बीच तनाव को भड़काने के लिए पाकिस्‍तान ने यह नापाक चाल चली है।


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