परमाणु बम, मिसाइलें... ताइवान पर कब्‍जे को तैयार हो रही चीनी सेना, विश्‍वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी तैयारी, खुलासा

वॉशिंगटन: चीन ने साल 2027 तक ताइवान पर कब्‍जे की तैयारी को पूरा करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी नौसेना के शीर्ष एडमिरल ने खुलासा किया है कि दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई देश इतने बड़े पैमाने पर सैन्‍य और परमाणु हथियार तैयार कर रहा है। यह इस बात का पूरा संकेत है कि चीन साल 2027 तक ताइवान पर हमले की योजना पर पूरी तरह से कायम है। चीन का सामना कर रहे अमेरिका के इंडो पैसफिक कमांड के कमांडर एडमिरल जॉन अक्‍इलिनो ने अमेरिका की संसद को बताया कि चीन ने आर्थिक चुनौतियों के बाद भी अपने रक्षा बजट में हाल के वर्षों में 16 प्रतिशत का इजाफा किया है जो अब बढ़कर 223 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। अमेरिकी कमांडर ने कहा कि 3 साल में जब से उन्‍होंने पद संभाला है, चीन की सेना पीएलए ने 400 से ज्‍यादा फाइटर जेट और 20 बड़े युद्धपोत शामिल किए हैं। यही नहीं चीन ने अपने मिसाइल और क्रूज मिसाइल के जखीरे को दोगुना कर लिया है। उन्‍होंने कहा, 'यह सभी संकेत बताता है कि पीएलए चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश पर पूरी तरह से आगे बढ़ रही है ताकि ताइवान पर साल 2027 तक कब्‍जे के लिए तैयार हुआ जा सके। पीएलए के कदम यह दर्शाते हैं कि वे शी जिनपिंग की ताइवान को अगर आदेश मिलता है तो ताकत के बल पर मुख्यभूमि से मिलाने की समय सीमा को हासिल करने की क्षमता पर काम कर रहे है।'

चीन सेना पर कर रहा बंपर खर्च, बनाए 340 युद्धपोत

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि चीनी सेना लगातार ताइवान पर हमले का अभ्‍यास कर रही है। इसके तहत ताइवान को हवाई और समुद्री रास्‍ते से घेरने की योजना है। अमेरिकी सांसद, अधिकारी और सैन्‍य कमांडर इन दिनों चीन की साल 2027 की ताइवान की योजना को काफी बहस कर रहे हैं। चीन की योजना है कि साल 2027 तक देश की सेना को विश्‍व स्‍तरीय बना लिया जाए। हर कोई अनुमान लगाने की कोशिश कर रहा है कि चीन की मंशा क्‍या है। वहीं अमेरिका के खुफिया विभाग का मानना है कि चीन ताइवान को लेकर सैन्‍य संघर्ष नहीं चाहता है। वह भी तब जब ताइवान को चीन में मिलाने की योजना रखता है। रिपब्लिकन सांसद माइक रोजर्स ने कहा कि चीन का रक्षा पर बेतहाशा खर्च अब उसको फायदा दे रहा है। चीनी सेना अत्‍याधुनिक हथियार सिस्‍टम जैसे हाइपरसोनिक मिसाइलें और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट तैनात कर रही है। चीनी सेना प्रशांत महासागर में भी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सकती है। उनके पास 340 युद्धपोत हैं, इसमें नया एयरक्राफ्ट कैरियर और परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल सबमरीन भी शामिल है। यही नहीं यूक्रेन युद्ध के बाद अब चीन ने रूस से हाथ मिला लिया है और यह अमेरिका के और ज्‍यादा परेशान करने वाला हो गया है। उन्‍होंने कहा कि चीन रूस की खुलकर मदद कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है।


from https://ift.tt/onihDHe

Comments