कांग्रेस को अभी तक नहीं मिला कैलाश चौधरी को टक्कर देने वाला उम्मीदवार, BJP के सामने हेमाराम चौधरी नहीं तो कौन?

बाड़मेर/जैसलमेर : को लेकर बीजेपी ने बाड़मेर - जैसलमेर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस में कौन उम्मीदवार होगा? इसको लेकर अभी भी पेच फंसा हुआ है। अब तक कांग्रेस में पहले पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा था। लेकिन सूत्रों के अनुसार हेमाराम चौधरी ने लोकसभा चुनाव भी लड़ने से इनकार कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस की उम्मीद पर तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि हेमाराम चौधरी बीजेपी के कैलाश चौधरी को कड़ी टक्कर देने में सक्षम नेता है। ऐसे में उनकी 'ना' के बाद कांग्रेस का सियासी गणित बिगड़ गया है।

हेमाराम चौधरी का इनकार, अब किस पर लगेगा कांग्रेस का दांव

बीजेपी ने बाड़मेर जैसलमेर से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को रिपीट किया है। इसको लेकर कांग्रेस उनके सामने ऐसा मजबूत दावेदार खड़ा करना चाहती है, जो चुनाव में उन्हें पटखनी दे सके। इसके लिए कांग्रेस की सियासत में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी का नाम फाइनल माना जा रहा था। हालांकि जाट नेताओं में और भी नाम सुर्खियों में हैं लेकिन हेमाराम का नाम सबसे मजबूत स्थिति में था। अब उन्होंने विधानसभा चुनाव की तरह यह चुनाव भी लड़ने से इनकार कर दिया है। ऐसे में फिर से कांग्रेस के लिए इस सीट को लेकर मंथन शुरू हो गया है।

तीन जाट नेताओं के नाम को लेकर अब मंथन जारी

कांग्रेस को पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी से बड़ी आश थी कि मोदी लहर के बीच केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को टक्कर देने में हेमाराम चौधरी सक्षम है। लेकिन फिर से कांग्रेस नए उम्मीदवार को लेकर मंथन में जुटी है। चर्चा है कि अब कांग्रेस बायतु विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी और कांग्रेस की महिला नेता प्रभा चौधरी को लेकर विचार कर रही है। इन तीनों जाट नेताओं के नाम दावेदारों की दौड़ में शामिल हैं।

बाड़मेर - जैसलमेर लोकसभा सीट का जातिगत समीकरण

राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी संसदीय सीट बाड़मेर-जैसलमेर जाट बाहुल्य सीट है। इस सीट पर जाटों के साथ राजपूतों का भी दबदबा है। यहां करीब 4 लाख जाट मतदाता है और 2.7 लाख राजपूत मतदाता हैं। साथ ही करीब 2.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि 4 लाख मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। बीजेपी ने यहां से जाट उम्मीदवार के तौर पर कैलाश चौधरी को फिर से रिपीट किया है जबकि चर्चा एक ही कांग्रेस भी हरि चौधरी, कर्नल सोनाराम चौधरी और प्रभा चौधरी में से किसी एक जाट नेता को उम्मीदवार बना सकती है।

कांग्रेस इन तीन पर खेल सकती है दांव

1. कर्नल सोनाराम चौधरी

कर्नल सोनाराम चौधरी को बाड़मेर लोकसभा सीट से मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उन्होंने साल 1996, 1998, 1999 में तीन बार कांग्रेस से और 2014 में भाजपा से, कुल चार बार बाड़मेर जैसलमेर सीट से सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव में बाड़मेर की गुडामालानी सीट से टिकट के समझौते पर कांग्रेस में घर वापसी की थी। लेकिन चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

2. बायतु विधायक हरीश चौधरी

हरीश चौधरी भी 2009 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर सीट से सांसद रहे हैं। वर्तमान में बाड़मेर की बायतु विधानसभा से विधायक और पंजाब और चंडीगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संगठन के प्रभारी है। पिछली गहलोत सरकार में हरीश राजस्व मंत्री भी थे। हरीश 2014 से 2019 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके है। 2009 में भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर में भाजपा के मानवेन्द्र सिंह जसोल को हराकर कांग्रेस के हरीश चौधरी सांसद बने थे।

3. प्रभा चौधरी

बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट को लेकर इस बार प्रभात चौधरी अपनी दावेदारी पेश कर चुकी हैं। इसको लेकर बीते दिनों उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की थी। प्रभा चौधरी कांग्रेस की राजनीति में नया चेहरा हैं। इससे पहले प्रभा चौधरी राजस्थान यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। इस सीट को लेकर प्रभा चौधरी का नाम भी चर्चा में है।


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