अमेरिका ने कभी उड़ाया था चीन की इस कंपनी का मजाक, आज छुड़ा रही एलन मस्क की टेस्ला के पसीने
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नई दिल्ली: साल 2007 की बात है। बैटरी बनाने वाली चीन की कंपनी बीवाईडी कार बनाने में हाथ आजमा रही थी। उसने अपना सबसे नया मॉडल ग्वांगझू ऑटो शो में प्रदर्शनी के लिए रखा था। तब अमेरिकी अधिकारियों ने इसका काफी मजाक उड़ाया था। इसकी वजह यह थी कि उस कार पर पेंट भी ठीक ढंग से नहीं हुआ था और उसका दरवाजा भी फिट नहीं बैठ रहा था। लेकिन आज स्थिति बदल गई है। आज बीवाईडी दुनिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी बन गई है। उसने दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी टेस्ला को कहीं पीछे छोड़ दिया है। कंपनी ब्राजील, हंगरी, थाईलैंड और उजबेकिस्तान में असेंबली लाइन बना रही है। साथ ही उसकी इंडोनेशिया और मेक्सिको में भी असेंबली लाइन खोलने की योजना है।पिछले साल के अंत में बीवाईडी ने वैश्विक बिक्री के मामले में टेस्ला को पछाड़ दिया था। कंपनी यूरोप में अपना विस्तार कर रही है। कंपनी की 80 फीसदी बिक्री चीन में ही होती है। पिछले दो साल में कंपनी की बिक्री में हर साल 10 लाख यूनिट का इजाफा हुआ है। इससे पहले यह उपलब्धि अमेरिका की जनरल मोटर्स को हासिल थी। कंपनी ने 1946 में यह कारनामा किया था। इसकी वजह यह थी कि कंपनी ने दूसरे विश्व युद्ध के कारण चार साल तक पैसेंजर कारों की बिक्री नहीं की थी। बीवाईडी का हेडक्वार्टर चीन के शेनजेन में है जो कि देश की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री का हब है। कारों के एक्सपोर्ट के लिए कंपनी दुनिया के सबसे बड़े कार कैरियर शिप बनवा रही है। इनमें से एक तैयार हो चुका है।
कैसे बनी नंबर वन
बीवाईडी एक्सप्लोरर नंबर 1 नाम का यह शिप शेनजेन से 5,000 इलेक्ट्रिक कारों को लेकर रवाना हो चुका है और इसके 21 फरवरी तक नीदरलैंड्स पहुंचने की उम्मीद है। जनवरी में मस्क ने कहा था कि चीन की कंपनियां दुनिया की ज्यादातर कंपनियों को तबाह करने की क्षमता रखती हैं। बीवाईडी की स्थापना 1995 में वांग चुआनफू ने की थी। शुरुआत में यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए बैटरी बनाती थी। 2003 में कंपनी ने कार बनाने वाली एक फैक्ट्री खरीदी। शुरुआत में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन 2008 में कंपनी की बिक्री में तेजी आई। 2012 तक डिमांड बढ़ने से प्रॉडक्शन बढ़ने लगा। लेकिन कंपनी के पास सीमित मॉडल थे जबकि विदेशी कंपनियों के पास कई आकर्षक मॉडल थे। इससे कंपनी की बिक्री और शेयरों की कीमत प्रभावित हुई। 2016 में कंपनी ने ऑडी के जाने माने डिजाइनर वूल्फगैंग ईगर को अपने साथ मिलाया। ईगर ने सैकड़ों कार इंजीनियर्स को अपने साथ जोड़ा और फिर उन्होंने बीवाईडी के मॉडलों की तस्वीर पूरी तरह बदल दी।इतना ही नहीं कंपनी ने लीथियम बैटरीज में निकल, कोबाल्ट और मैगनीज जैसे महंगे रसायनों के बजाय आयरन और फॉस्फेट का इस्तेमाल किया। लेकिन यह तरकीब काम नहीं आई। क्योंकि इसकी रेंज बहुत कम थी। बीवाईडी 2020 में ब्लेड बैटरीज लेकर आई। इससे रेंज की समस्या काफी हद तक दूर हो गई। इनकी कीमत भी निकल-कोबाल्ट की तुलना में काफी कम थी। टेस्ला ने उसी साल चीन में कार बनाना और बेचना शुरू किया था। देश में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति गजब का उत्साह था। बीवाईडी अब भी ज्यादातर सस्ती कारें बेचती है जबकि टेस्ला के पास ज्यादा बड़ी रेंज के साथ महंगी कारें हैं।from https://ift.tt/EL9VdAk
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