चीन, US... चांद पर क्यों कब्जा करना चाहती हैं दुनियाभर की सेनाएं, क्या तैनात होगी मिलिट्री?
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वॉशिंगटन: चंद्रमा आज के समय मिलिट्री हितों के लिए केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जिसने दुनिया भर के विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) ने पिछले कुछ वर्षों में अपना फोकस चंद्रमा पर बढ़ाया है। चंद्रमा पर उपयोग के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी की तलाश में सक्रिय डार्पा तिकड़ी का स्वागत किया गया है। साल 2021 में डार्पा ने नोवेल ऑर्बिटल मून मैन्युफैक्चरिंग, मटेरियल और मास एफिशिएंट डिजाइन (NOM4D) कार्यक्रम शुरू किया था। पिछले महीने डार्पा ने लूनर ऑपरेटिंग गाइडलाइंस फॉर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसोर्टियम या LOGIC शुरू किया। चंद्रमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए 10 वर्षीय चंद्र वास्तुकला क्षमता का अध्ययन भी शुरू किया है, जो शांति के लिए इस्तेमाल होगी। हालांकि इन प्रोजेक्ट्स में डिफेंस एजेंसियों का शामिल होना चिंता की बात है। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव इससे जुड़ी चिंता को और भी बढ़ा देता है। चीन जैसे देश सिस्लुनर (पृथ्वी-चंद्रमा के बीच) अंतरिक्ष में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास तेज कर रहे हैं।
स्पेस को लेकर क्या है संधि
डार्पा के मिशन 1967 की संयुक्त राष्ट्र की बाह्य अंतरिक्ष संधि से मेल खाता दिखता है। यह संधि चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए करने का आह्वान करता है। अमेरिकी विदेश नीति परिषद में रक्षा अध्ययन के सीनियर फेलो पीटर गैरेटसन ने कहा, 'डार्पा की परियोजना सफल वाणिज्यिक चंद्र उद्योग के लिए बेहद सावधानी से तैयार की गई है, जो स्पष्ट तौर पर एक शांतिपूर्ण गतिविधि है।' उन्होंने आगे कहा, 'डार्पा स्वयं चंद्रमा या उसके पास कुछ नहीं कर रहा। इसके अलावा डार्पा अपने रिजल्ट को पूरी दुनिया को दिखाएगा।'चांद पर होगा संघर्ष?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांद की कोई खास मिलिट्री वैल्यू नहीं है, इसलिए असली फोकस चंद्रमा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर होना चाहिए। हालांकि हाल के वर्षों में चांद के संसाधनों को निकालने को लेकर रुचि बढ़ी है। ऐसे में यहां पर नियंत्रण प्रतिस्पर्धा पैदा कर सकता है, जिस कारण अंतरिक्ष में फिर दौड़ शुरू होगी। क्षेत्रीय दावों के कारण संघर्ष बढ़ने की भी संभावना जताई जा रहा है। उदाहरण के तौर पर पिछले महीने अमेरिकी कांग्रेस को दी अपनी रिपोर्ट में यूएस-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग ने कहा कि चीन रणनीतिक उद्देश्यों के लिए चंद्रमा तक पहुंच को नियंत्रित करना चाहता है।from https://ift.tt/o64LcPE
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