मध्य प्रदेश में सांसदी छोड़ MLA बनने वालों को डबल फायदा, सैलरी-सुविधाएं जानकर बड़े अफसर भी खुद को समझने लगेंगे 'गरीब'

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 230 विधायक चुन लिए गए हैं। इनमें से कुछ विधायक ऐसे हैं, जो पिछले कई बार से विधायक चुने जा रहे हैं। वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जो पहली बार चुने गए हैं। यही नहीं अब तक दिल्ली में बैठने वाले सांसदों का ठिकाना भी बदल रहा है। इस बीच में एक सवाल जो सबके दिमाग में एक बार जरूर आया होगा कि आखिर इन विधायकों को कितनी सैलरी मिलने वाली है। आइए आपको बताते हैं इन विधायकों को सैलरी के अलावा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में...

मध्य प्रदेश विधायकों का हिसाब-किताब

मध्य प्रदेश में विधायकों की सैलरी फिलहाल 1.10 लाख रुपये हर महीने है। इसमें 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी और 80 हजार रुपए मासिक भत्तों के रुप में मिलते हैं। इसके अलावा सीएम को दो लाख और कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख रुपए हर महीने मिलते हैं। बात अगर राज्य मंत्रियों की करें तो इनको 1.45 लाख रुपये हर महीने मिलते हैं। हाल ही में एमपी सरकार ने विधायकों की सैलरी और भत्ते को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, जो अभी तक पास नहीं हुआ है।सांसद से विधायक बने नेताओं को कितनी मिलेगी सैलरी?

सांसदों को मिलेगा डबल फायदा

देश में राज्यसभा और लोकसभा सदस्यों की मासिक सैलरी एक लाख रुपये है। संसद सत्र के समय हर दिन दो हजार रुपये का भत्ता अलग मिलता है। 70 हजार रुपये का भत्ता निर्वाचन क्षेत्र और ऑफिस के खर्चे के लिए 60 हजार रुपये भी सांसदों को मिलते हैं। सांसद से विधायक बने नेताओं को तो मिलेगी ही, इसके अलावा सांसद की पेंशन भी मिलेगी। यही नही जब विधायकी खत्म होगी तो इनको सांसदी के साथ ही विधायकी की पेंशन भी मिलेगी।


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