कांग्रेस की हार को सनातन का श्राप बताया था, आचार्य प्रमोद कृष्णम को मिला रामलला का निमंत्रण

अयोध्‍या: अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह के लिए सम्‍मानित लोगों को न्‍योता भेजने का क्रम शुरू हो गया है। श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट ने कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम को भी आमंत्रण भेजा है। गत तीन दिसंबर को पांच राज्‍यों के चुनावी नतीजे आने के बाद प्रमोद कृष्‍णम ने कांग्रेस की हार को सनातन का श्राप करार दिया था। उन्‍होंने निमंत्रण पत्र की तस्‍वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर खुशी जाहिर की है। उन्‍होंने X पर लिखा है - 'परमात्मा की असीम अनुकंपा कहो या प्रारब्ध के पुण्य का फल जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन्म भूमि के अद्भुत और अनूठे मंदिर के गर्भ गृह में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण प्राप्त हुआ। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष पूज्यपाद नृत्योपाल दास जी महाराज के श्री चरणों में नमन और श्री चंपत राय जी को साधुवाद। जय श्री राम।' गौरतलब है कि राम मंदिर के मुद्दे पर आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने अपना स्‍टैंड शुरू से ही साफ रखा है। कुछ महीने पहले उन्‍होंने गाजियाबाद में इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हमला बोल दिया था। उन्‍होंने कहा था कि कांग्रेस में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं जो हिंदू शब्‍द से नफरत करते हैं। कुछ कांग्रेस नेता ऐसे भी हैं जिन्‍हें राम मंदिर से ही नहीं बल्कि भगवान राम से भी नफरत है। कोई भी मंदिर जाकर हिंदू नहीं बनता और ना ही मस्जिद जाकर कोई मुसलमान बन जाता है। जिसे जीसस में यकीन ना हो वह इसाई नहीं हो सकता और पैगंबर को ना मानने वाला मुसलमान नहीं हो सकता है। ठीक इसी तरीके से जो भगवान राम से नफरत करता हो वह हिंदू नहीं हो सकता।

'सनातन धर्म वालों की आस्‍था को पहुंची चोट'

2 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके प्रमोद कृष्‍ण ने कहा था कि सारी दुनिया जानती है कि राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए हुए प्रयास हुए, जिससे सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। अब ये जो सवाल है कि कौन भगवान राम से नफरत करता है या कौन उनसे प्रेम करता है या राम के प्रति श्रद्धा रखता है। तो मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई पर्दा पड़ा हुआ है। आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह के लिए ढाई हजार साधु-संतों और चार हजार विशिष्‍ट जन को निमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है।


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