भारत को घातक हथियार मिलने से बौखलाया पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लगाई गुहार

इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत को दुनिया से मिलने वाले हथियारों पर एतराज जताया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत मुहम्मद उस्मान इकबाल जादून ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का नाम लिए बिना कहा कि दक्षिण एशिया में एक स्टेट को पारंपरिक हथियारों की आसानी से आपूर्ति चिंता का सबब है। ये अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है और तनावग्रस्त क्षेत्र में शक्ति संतुलन को खतरे में डाल रही है। जादून ने कहा कि दुनिया को संकीर्ण रणनीतिक, राजनीतिक और वाणिज्यिक हितों के लिए दक्षिण एशिया के प्रति दोहरे मानकों की नीति को बदलना चाहिए।पाक प्रतिनिधि ने कहा, पारंपरिक हथियारों को सीमित और धीरे-धीरे कम करने का लक्ष्य साकार नहीं हुआ है। इसके बजाय हम खुद को वैश्विक सैन्य व्यय में लगातार वृद्धि के बीच पा रहे हैं। दक्षिण एशिया में कई अस्थिर विकास स्पष्ट हैं, जहां एक स्टेट का सैन्य खर्च अन्य सभी राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। इस स्टेट को पारंपरिक हथियारों की उदार आपूर्ति, इसकी रणनीतिक क्षमताओं के साथ, अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है। इससे लंबे समय से चले आ रहे विवादों के समाधान में भी बाधा आ रही है।

अंसुतलन किसी युद्ध को भी भड़का सकता है: पाक

जादून ने कहा कि दक्षिण एशिया में जो पारंपरिक असंतुलन बढ़ रहा है, उसमें कई खतरे अंतर्निहित हैं। इससे परमाणु संपन्न देशों के बीच संघर्ष भी भड़क सकता है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक संयम शासन की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पारंपरिक बल संतुलन शामिल है। पाकिस्तान न तो इस क्षेत्र में हथियारों की होड़ चाहता है और न ही इसमें शामिल है। पाकिस्तान का दृढ़ विचार रहा है कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता केवल सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार विवादों के समाधान और रणनीतिक सैन्य बलों के संतुलन को बनाए रखकर ही हासिल की जा सकती है।पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने अवैध हथियारों के प्रसार के संकट को खत्म करने में विकासशील देशों का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मजबूत प्रतिबद्धता का भी आह्वान किया। उन्होंने आतंकी गुटों तक आधुनिक हथियारों के पहुंचने पर चिंता जताते हुए कहा कि ये हथियार कैसे हासिल किए गए, इसकी जांच होनी चाहिए। जादून ने कहा, यह सभी देशों, इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वे इन हथियारों के अवैध व्यापार और हस्तांतरण को रोकने के लिए उपाय करें। जादून ने यूएन में 'शांति के लिए हथियारों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी से उत्पन्न खतरे और समाधान' विषय पर बोलते हुए ये बातें कही हैं।


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