काला सच: कनाडा में विदेशी स्‍टूडेंट्स का शोषण, भारतीयों ने खालिस्‍तानियों के हमदर्द से किया किनारा, झटका

टोरंटो: खालिस्‍तानी आतंकियों को पालने वाले कनाडा को लगातार भारत से दुश्‍मनी करना बहुत भारी पड़ रहा है। कनाडा में पढ़ाई करने के लिए भारत से अप्‍लाई करने वाले स्‍टूडेंट्स की संख्‍या में साल के दूसरे पखवाड़े में 40 फीसदी की गिरावट आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जुलाई से लेकर अक्‍टूबर तक के महीने के बीच में भारत से आने वाले पढ़ाई के आवेदन की संख्‍या केवल 86,562 रही जो साल 2022 में इसी अवधि के दौरान 145,881 थी। यह करीब 40 फीसदी की गिरावट बताई जा रही है। यही नहीं बड़ी संख्‍या में भारतीय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में कनाडा में रहने में आने वाली दिक्‍कतों का भी खुलासा कर रहे हैं। कनाडा को भारतीय स्‍टूडेंट्स से भारी कमाई होती है। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय छात्रों के इस आवेदन में कमी आने का जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के बीच खराब हुए संबंधों से लेना-देना नहीं है। इससे पहले 18 सितंबर को जस्टिन ट्रूडो ने संसद के अंदर आरोप लगाया था कि खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या में भारतीय खुफिया एजेंसी के एजेंटों के शामिल होने के विश्‍वसनीय आरोप हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले से ही भारतीयों में कनाडा के खिलाफ ट्रेंड बनना शुरू हो गया था। कनाडा के समाचार समूह बेटर ड्वेलिंग ने सबसे पहले भारतीय आवेदनों में आई कमी का खुलासा किया था।

कोरोना के बाद पहली बार सबसे ज्‍यादा गिरावट

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि निज्‍जर हत्‍याकांड को लेकर पैदा हुए तनाव से पहले ही भारतीय छात्रों के आवेदन कम करने की वजह कनाडा में विदेशी छात्रों के साथ शोषण बड़ा मुद्दा रहा। बड़ी संख्‍या में विदेशी छात्रों सोशल मीडिया में वीडियो पोस्‍ट करके बताया है कि उन्‍हें कनाडा में बहुत ज्‍यादा दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत बहुत ज्‍यादा महंगाई और अवसरों की भारी कमी है। बेटर ड्वेलिंग ने कहा कि जनता जान रही है कि विदेशी छात्रों की संख्‍या में बहुत तेजी से गिरावट आई है। वहीं सरकार अब अपना चेहरा बचाने की कोशिशों में लग गई है। कनाडा में साल 2023 में कुल विदेशी छात्रों में आधे भारतीय हैं। रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों में गिरावट की वजह भारत है जहां से सबसे ज्‍यादा विदेशी छात्र कनाडा में पढ़ाई करने आते हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के बाद ऐसा पहली बार है जब भारत से विदेशी छात्रों के आवेदन में गिरावट आई है। यही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और कनाडा के बीच रिश्‍तों में आए तनाव की वजह से यह हालात सुधरने की कोई उम्‍मीद नहीं है। आपको बता दें कि कनाडा खालिस्‍तानी आतंकियों का गढ़ बन गया है और निज्‍जर की हत्‍या के बाद दोनों देशों के बीच संबंध रसातल में चले गए हैं।


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