छोटी हाइट, एटीट्यूड बड़े... 'राजा' रिंकू में क्यों दिखती है युवराज की झलक, समझिए
नई दिल्ली: एक दिन पहले ही ने अपना 42वां जन्मदिन मनाया। युवी ने आखिरी इंटरनेशनल मैच 30 जून, 2017 को खेला था। इसके बाद से आज तक भारतीय क्रिकेट टीम में एक अलग ही तरह का निर्वात छाया हुआ है। हार्दिक पंड्या टीम में आए तो उनकी विश्व कप 1983 विनिंग कप्तान कपिल देव और टी-20 विश्व कप-वनडे विश्व कप विनिंग टीम के मेंबर युवराज सिंह से तुलना हुई, लेकिन उनकी फिटनेस समय-समय पर धोखा देती रही। अब मैदान में हैं तो उन्हें युवराज सिंह की टक्कर का माना जा रहा है। उन्हें कुछ लोग एमएस धोनी की तरह फिनिशर के रोल में भी देख रहे हैं। इस पर महान सुनील गावस्कर का मानना है कि अगर रिंकू युवराज सिंह के 50% भी प्रदर्शन कर पाते हैं तो टीम इंडिया का कल्याण हो जाएगा।
एटीट्यूड के मामले में रिंकू का कोई जवाब नहीं
खैर, मेरा मानना है कि किसी खिलाड़ी को किसी अन्य का क्लोन नहीं कहा जा सकता है। और न ही उसपर प्रेशर बनाया जा सकता है कि आप फलां की तरह खेलो... उसकी तरह रहो...। यह अलग बात है कि नया खिलाड़ी संभव है कि पुराने से बेहतर हो, क्योंकि समय के साथ खिलाड़ियों के पास तकनीकी व्यवस्था की भरमार हुई है। वह किसी मोबाइल एप्लीकेशन की तरह अपडेट होने की छमता रखता है। मैदान पर अपनी पिछली गलतियों से सीखता है। विपक्षी टीम की कमियों को बताने के लिए पूरा सपोर्ट स्टाफ उसके पास है। इसी तरह से रिंकू सिंह का मामला भी है। रिंकू भले ही छोटे कद के हैं, लेकिन एटीट्यूड के मामले में उनके बल्ले को कोई जवाब नहीं है।युवराज ने मौत को हराया तो रिंकू ने जिद से बदली जिंदगी
युवराज सिंह को जहां पूर्व धाकड़ क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेटर बनने का सपना छोड़ने की सलाह दे चुके थे तो रिंकू सिंह ने भी युवी की तरह अपनी जिद से जिंदगी बदली है। उनका संघर्ष गरीबी से रहा है। दोनों ही फाइटर हैं। युवराज सिंह ने तो कैंसर को मात दी और आंखों के सामने खड़ी मौत को घुटने टेकने के लिए मजबूर किया तो रिंकू के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से निकलकर विश्व पटल पर छाना आसान नहीं था। न जाने कितने बैरियर तोड़े तब जाकर अलग पहचान मिली। अब सदके में दुनिया झुक रही है। बॉलीवुड के बादशाह तारीफ करते नहीं थकते हैं तो महान सचिन तक उनसे प्रभावित हैं।इसलिए युवराज के काफी करीब हैं रिंकू सिंह
युवराज सिंह बाएं हाथ के वह ऑलराउंडर थे, जिनके बल्ले की आग ने न जाने कितने गेंदबाजों का करियर तबाह किया। मैदान पर स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार छह छक्के उड़ाने से लेकर सुपरमैन की तरह हवा में छलांग लगाकर कैच लपकने तक, उनका कोई सानी नहीं था। मुद्दतें बीत जाएंगी, एक से बढ़कर एक खिलाड़ी आएंगे और जाएंगे, लेकिन शायद ही कोई युवराज सिंह बन पाए। दूसरी ओर, रिंकू सिंह के करियर की उड़ान शुरू हुई है। मैदान पर उनका कॉन्फिडेंस उन्हें युवराज के करीब ले जाता है। उनकी गेंदबाजों के खिलाफ प्लानिंग और प्रेशर में प्रदर्शन करने की छमता युवराज जैसी है।छोटी हाइट वाला युवराज भी हमें पसंद है, बसर्ते....!
आईपीएल में यश दयाल के एक ही ओवर में 5 छक्के उड़ाते हुए कोलकाता नाइटराइडर्स को जीत दिलाना यह बताने के लिए काफी है कि माहौल कितना भी खिलाफ हो वह उसे अपने पक्ष में करना जानते हैं। भारतीय फैंस भी चाहेंगे वह दूसरे युवराज साबित हों और भारत के लिए टी-20 विश्व कप और वनडे विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाएं। हां, रिंकू की हाइट युवराज की तरह नहीं है, लेकिन विश्व कप जैसी कामयाबी के लिए छोटी हाइट वाला युवराज भी हमें पसंद है...।from https://ift.tt/gjBHobp
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