इजरायल को अमेरिका ने पहली बार दिया झटका, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा युद्ध पर पास हुआ प्रस्ताव
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वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें गाजा में चल रहे युद्ध में तुरंत एक मानवीय रोक और गलियारा बनाए जाने की अपील की गई है। गाजा में एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का यह इस तरह का पहला प्रस्ताव है। 15 सदस्यीय परिषद में इस प्रस्ताव को 12-0 से पास किया गया है। तीन सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस वोटिंग से अनुपस्थित रहे। इस प्रस्ताव को माल्टा ने पेश किया, जो संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय के 15 सदस्यों को काफी हद तक साथ लाने में कामयाब रहा। माल्टा की संयुक्त राष्ट्र राजदूत वैनेसा फ्रेजियर ने कहा हमने जो हासिल किया है वह एक महत्वपूर्ण कदम है। हम नागरिकों की सुरक्षा और सशस्त्र संघर्षों में बच्चों की दुर्दशा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेंगे।इस प्रस्ताव के ड्राफ्ट की भाषा पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। प्रस्ताव में मानवीय विराम के लिए मांग की बजाय आह्वान तक सीमित कर दिया। इसने हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग को भी कमजोर कर दिया। प्रस्ताव में संघर्ष विराम और हमास की ओर से 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमलों का भी कोई जिक्र नहीं है। रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वासिली नेबेंजिया ने मतदान से ठीक पहले प्रस्ताव में संशोधन करने का असफल प्रयास किया। रूस ने शत्रुता की समाप्ति के लिए तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया। इस संशोधन पर मतदान में पांच देश पक्ष में थे, अमेरिका ने विरोध किया और नौ देश अनुपस्थित रहे। ऐसे में इसे अपनाया नहीं गया।
मध्य और दक्षिणी गाजा में पानी की आपूर्ति भी रुकी
फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने ईंधन की कमी के कारण मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में दर्जनों पेयजल और सीवेज सुविधाओं को निलंबित करने की घोषणा की है। गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के परिचालन निदेशक थॉमस व्हाइट ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जानकारी दी है कि ईंधन की कमी के चलते सीवेज पंप सेवा से बाहर होने के कारण राफा शहर की सड़कों और गलियों में सीवेज बह रहा है। उन्होंने कहा है कि गंदगी और पीने के पानी की कमी से विस्थापित लोगों के बीच डायरिया और संक्रामक रोगों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। 7 अक्टूबर के बाद से गाजा शहर पूरी तरह से इजरायली की घेराबंदी में है। आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की आपूर्ति में रुकावट ने शहर में मानवीय संकट खड़ा कर दिया है।from https://ift.tt/H6JIk37
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