शनि ग्रह भी इसके आगे शर्मा जाए, 200 गुना बड़े हैं छल्ले, ये है अंतरिक्ष का असली लॉर्ड ऑफ द रिंग्स

वॉशिंगटन: हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। लेकिन इन सभी की तस्वीर देंखे तो सबसे पहला ध्यान शनि ग्रह पर जाएगा। इसका कारण है शनि ग्रह की रिंग। जो अरबों-करोड़ों छोटे-बड़े उल्कापिंड और बर्फ की चट्टानों से बने हैं। लेकिन क्या शनि जैसा एक ही ग्रह है? दरअसल हमारे मिल्की वे गैलेक्सी के अंदर ही एक ऐसा ग्रह है, जो शनि को टक्कर देता है। इस ग्रह की रिंग इतनी बड़ी है कि शनि ग्रह भी शर्मा जाए। इस ग्रह का नाम J1407b है, जिसका एक मंगल या पृथ्वी के बराबर का चंद्रमा है।साल 2012 में इसके खोज की पुष्टि हुई थी। तब यह सौर मंडल के बाहर खोजा जाने वाला पहला था। हमारे सौर मंडल में सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है। लेकिन अगर J1407b की बात करें तो यह बृहस्पति या शनि से भी बड़ा है। वहीं इसका रिंग शनि के रिंग से 200 गुना बड़ा है। जिस कारण वैज्ञानिकों ने इसे सुपर सैटर्न (शनि) नाम दिया था। कई लोग इसे असली लॉर्ड ऑफ द रिंग्स कहते हैं।

37 रिंग वाला ग्रह

सौर मंडल के बाहर खोजे जाने वाले ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहते हैं। जब यह अपने तारे के सामने से गुजरते हैं तो इनके होने का पता चलता है। जब भी ग्रह तारे के सामने से गुजरते हैं तो उसका प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है। इस कारण लगता है जैसे तारा कुछ देर के लिए मंद हो गया हो। 2007 में पृथ्वी से 433 प्रकाश वर्ष दूर पर मौजूद एक तारे में मंदता 56 दिनों तक दिखाई दी थी। वैज्ञानिकों ने पहली बार 2012 में इस ग्रह को देखा था। तब वैज्ञानिकों को लगा था कि इसके दो विशाल रिंग है। लेकिन आगे के विश्लेषण से पता चला कि इस ग्रह के 37 रिंग हैं।

किन ग्रहों के पास है रिंग

यह ग्रह ऑब्जर्वेशन के लिहाज से काफी दूर है। इस ग्रह के पृथ्वी के आकार के चंद्रमा हैं, जो जीवन के लिए अच्छे हो सकते हैं। हालांकि रिंग और चंद्रमा के बीच संबंध अभी भी रहस्य बने हुए हैं। सौर मंडल की बात करें तो हमें शनि का रिंग ही सबसे साफ दिखता है। लेकिन बृहस्पति, यूरेनस और नेप्च्यून ग्रह की भी रिंग है, हालांकि यह बेहद हल्की हैं। वैज्ञानिक अभी भी समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह कैसे बनीं।


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