दिल्ली मेट्रो का एक और कमाल, 20 फीसदी कम जगह में ही बन गया बुराड़ी स्टेशन
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नई दिल्ली: कोविड की वजह से पहले ही काफी लेट हो चुके मेट्रो के फेज-4 के काम को डीएमआरसी अब तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रही है, ताकि इसमें और देरी ना हो। इसी सिलसिले में एक अच्छी खबर सामने आई है। फेज-4 का पहला मेट्रो स्टेशन बनकर लगभग तैयार हो चुका है। की पिंक लाइन को मजलिस पार्क से मौजपुर तक एक्सटेंड करने के लिए बनाए जा रहे नए मेट्रो कॉरिडोर पर बुराड़ी इलाके में यह एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाया गया है। इस स्टेशन के सिविल स्ट्रक्चर के निर्माण का 90 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है, जबकि फिनिशिंग का भी लगभग 40 पर्सेंट काम पूरा होने को आया है। यहां मेट्रो ट्रैक बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। जल्द ही इलेक्ट्रिकल और कम्यूनिकेशन सिस्टम स्थापित करने समेत स्टेशन के संचालन के लिए जरूरी अन्य काम भी शुरू कर दिए जाएंगे। इस स्टेशन के बनने और यहां से मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाने के बाद पूरा बुराड़ी इलाका भी सीधे मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएगा, जिसकी गिनती दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों में की जाती है।काफी कम जगह में काम करना है चुनौतीफेज-4 में मेट्रो स्टेशनों का कंस्ट्रक्शन पहले के मुकाबले और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि इस बार डीएमआरसी को काफी कम जगह में काम करना पड़ रहा है। जमीन की सीमित उपलब्धता को देखते हुए मेट्रो लाइनों और स्टेशनों के निर्माण में डीएमआरसी को कई सारी नई तकनीकों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। बुराड़ी का मेट्रो स्टेशन इसी का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे ट्रैफिक के लिहाज से काफी व्यस्त और भीड़भाड़ वाले इलाके में सड़क के बीचोंबीच बेहद सीमित जगह पर बनाया गया है।सिंगल पिलर तकनीक पर बन रहे हैं ज्यादातर मेट्रो स्टेशनडीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि बुराड़ी समेत फेज-4 के ज्यादातर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशंस इस बार सिंगल पिलर तकनीक पर बनाए जा रहे हैं। इस तकनीक में सड़क के बीचोंबीच थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक-एक पिलर खड़ा करके उनके ऊपर स्टेशन का ढांचा बनाया जाता है। पहले सड़क के बीच में ही नहीं, बल्कि सड़क के दोनों ओर भी पिलर खड़े किए जाते थे और उनके ऊपर स्टेशन बॉक्स बनाया जाता था। उसमें जगह भी ज्यादा लगती थी और ट्रैफिक भी ज्यादा डिस्टर्ब होता था। इसी वजह से पुराने एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों की चौड़ाई जहां करीब 24-25 मीटर रहती थी, वहीं सिंगल पिलर तकनीक की सहायता से केवल 21 मीटर चौड़ी जगह पर ही स्टेशन बन गया है। इस बार स्टेशन के स्ट्रक्चर के ज्यादातर हिस्सों जैसे पाइल, पाइल कैप, साइड आर्म, पाई गर्डर, सेंट्रल आर्म, यू गर्डर, डैक स्लैब आदि को भी कास्टिंग यार्ड में पहले से तैयार किया जा रहा है और फिर उन्हें सीधे साइट पर लाकर स्टेशन के स्ट्रक्चर में लगा दिया जा रहा है। इससे भी कंस्ट्रक्शन साइट पर ट्रैफिक कंजेशन कम करने में काफी मदद मिली है और साइट पर ज्यादा मशीनरी नहीं लगानी पड़ रही है।इन खूबियों से लैस होगा बुराड़ी मेट्रो स्टेशन-बुराड़ी का 141 मीटर लंबा, 21 मीटर चौड़ा और 16 मीटर ऊंचा मेट्रो स्टेशन 9 सिंगल पिलर्स पर बनाया गया है।-ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनाया गया है यह मेट्रो स्टेशन, ताकि बिजली का इस्तेमाल कम करना पड़े और स्टेशन में ज्यादा से ज्यादा हवा, धूप और रोशनी आ सके।-मेट्रो स्टेशन की आर्च शेप वाली छत पर सोलर सिस्टम लगाया जाएगा। इसके मेंटेनेंस के लिए छत पर आने-जाने और चलने के लिए भी अलग से इंतजाम किए गए हैं।-6 कोच वाली मेट्रो ट्रेनों के हिसाब से बनाया गया है मेट्रो स्टेशन का प्लेटफॉर्म, जिसकी लंबाई 141 मीटर होगी।-इस लाइन पर स्टैंडर्ड गेज वाली मेट्रो ट्रेनें चलेंगी, बुराड़ी समेत सभी एलिवेटेड स्टेशनों पर लगाए जाएंगे प्लेटफार्म स्क्रीन डोर।-सड़क के दोनों ओर स्टेशन में आने-जाने के दो रास्ते होंगे। स्टेशन में 4 लिफ्ट और 8 एस्केलेटर्स भी लगेंगे।-पहली बार स्टेशनों में महिला, पुरुष और दिव्यांगों के अलावा ट्रांसजेंडर्स के लिए भी अलग से टॉयलेट्स का प्रावधान किया जाएगा।-स्टेशन के कोनकोर्स एरिया में स्टेशन कंट्रोल रूम, एक्सेस फेयर ऑफिस और टिकट काउंटर आदि के निर्माण में भी इस बार प्री-फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया है, ताकि स्टेशन के अंदर का हिस्सा भी खूबसूरत नजर आए।-स्टेशन दिखने में सुंदर लगे, इसके लिए इसकी आर्किटेक्चरल डिजाइन में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अंदर ग्लास क्लडिंग के साथ-साथ सीढ़ियों पर नई तरह की रेलिंग भी लगाई गई है।-स्टेशन का निर्माण कार्य तो दिसंबर 2019 में ही शुरू हो गया था, लेकिन कोविड के चलते काम बीच में ही रुक गया। अब स्टेशन तो बनकर तैयार होने वाला है, लेकिन इस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों का ऑपरेशन मार्च 2025 में ही शुरू हो पाएगा।
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