Opinion: औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया, जब जी चाहा मसला कुचला...
आज मुझे ये लग रहा है काश मैं तालिबान में होता. हो सकता है ये मेरी फौरी सोच हो. मगर थूकता हूं उन दरिंदों पर माफ कीजिएगा मन में तो इससे भी गंदे शब्द हैं मगर लिख नहीं सकता. मणिपुर की एक लड़की को तुमने नंगा नहीं किया. नंगा तो तुम्हारा चरित्र हुआ है. लेकिन इन कम्बख्तों के लिए चरित्र शब्द का मतलब ही नही पता.
from https://ift.tt/wqUdVAS
from https://ift.tt/wqUdVAS
Comments
Post a Comment