लालू ने लगाया 'चाणक्य' वाला दिमाग! 'I.N.D.I.A' के लिए जानिए बनाए हैं क्या नियम
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नई दिल्ली: बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में कई चीजों पर आम राय कायम हुई है। यह सिर्फ महागठबंधन का नाम रखने तक सीमित नहीं है। अलबत्ता, आपस में आगे से किस तरह का व्यवहार रखना है, इस पर भी चर्चा हुई। यह तय हुआ है कि विपक्षी दलों के नेता आपस में एक-दूसरे की टांग नहीं खींचेंगे। कांग्रेस को और ममता के नेताओं को कांग्रेस पर हमला करने से बचने की नसीहत दी गई है। दरअसल, विपक्षी दलों में ही कई मुद्दों को लेकर आपस में नहीं बनती है। ये अब तक एक-दूसरे पर निशाना साधते आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में महसूस किया गया कि इसका बाहर अच्छा मैसेज नहीं जाता है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने अपना नया नाम रखा है। इसे अब I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस के नाम से जाना जाएगा। 26 दलों के नेताओं ने इस नाम पर सहमति बनाई है। बेंगलुरु बैठक में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनने की खबर आई है। खबरों के मुताबिक, विपक्षी दलों की इस बैठक में यूपीए की तर्ज पर राज्यवार गठबंधन और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। बैठक में सभी दलों के साथ समन्वय और तालमेल के लिए एक संयोजक बनाने पर बातचीत हुई है। सोनिया गांधी या नीतीश कुमार में से किसी एक को संयोजक बनाया जा सकता है। सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी पार्टी को कोई एतराज नहीं है। वह पीएम पद की दावेदार भी नहीं होंगी। हालांकि, अगर इस पद को लेकर कोई विवाद उठेगा तो कांग्रेस इससे पीछे भी हट सकती है। आपसी मनमुटाव को पीछे छोड़ें इसी के साथ कुछ और मुद्दों पर भी सहमति बनी है। मसलन, विपक्षी पार्टियों ने तय किया है कि वे आपसी मटमुटाव को पीछे छोड़ एक-दूसरे पर निशाना साधने से बचेंगी। बैठक में लालू यादव ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का समर्थन किया। कांग्रेस को अपने नेताओं से ममता बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी करने से रोकने के लिए कहा गया है। इसी तरह की बात लेफ्ट से भी कही गई है। सोनिया गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ने हॉल के बीच में खड़े होकर 20 मिनट तक बातचीत की। दोनों हिंसाग्रस्त बंगाल ग्रामीण चुनावों के बाद पहली बार मिले थे। इसमें तृणमूल कांग्रेस का वाम-कांग्रेस गठबंधन के साथ टकराव हुआ था। भाजपा और वाम-कांग्रेस की ओर से चुनावी अनियमितताओं के आरोपों के बीच तृणमूल ने चुनाव में जीत हासिल की। एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते रहे हैं नेता कांग्रेस और लेफ्ट के नेता ममता पर तीखे हमले करती रही हैं। जवाब में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता भी बयानबाजी करते हैं। ऐसा महसूस किया गया है कि आपस में इस तरह की जवाबी बयानबाजी का पर असर पड़ता है। लिहाजा, इस पर अंकुश लगाने की बात कही गई है। तमाम मसलों और मुद्दों पर विपक्षी दलों को एक साथ मिलकर सुर में सुर मिलाने की अपील की गई है।
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