अवैध शराब के लिए बदनाम शहडोल का गांव बना 'मिनी ब्राजील', अब हर दूसरे घर में फुटबॉलर, पीएम मोदी ने सुनाई इनकी कहानी

शहडोल: मध्यप्रदेश में एक 'मिनी ब्राजील' बसता है। यह सुनकर आप चौंक जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी () ने एमपी के 'मिनी ब्राजील' का जिक्र मन की बात में की है। अवैध शराब के लिए बदनाम यह गांव 'मिनी ब्राजील' बन गया है। जिन घरों में अवैध शराब बनाने के लिए भट्टियां जलती थीं, उन घरों में अब फुटबॉलर पैदा हो रहे हैं। शहडोल जिले के विचारपुर गांव से 40 खिलाड़ी स्टेट और नेशल टीम में खेल रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस गांव में फुटबॉल क्रांति कैसे आई। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई के पहले सप्ताह में शहडोल आए थे। शहडोल के ग्राम पकरिया में उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की थी। इसी मुलाकात के दौरान उनसे फुटबॉल क्रांति में जुड़े बच्चों से भी मिले थे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने यह पूछा था कि शहडोल में कोई गांव मिनी ब्राजील भी है, तब उन्हें बताया गया कि शहडोल नगर के पास एक गांव विचारपुर है। इस गांव के हर दूसरे घर में फुटबॉल के खिलाड़ी है ।

शहडोल शहर से पांच किलोमीटर दूर है गांव

विचारपुर शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक गांव है। फुटबॉल क्रांति के से चर्चा आने के पूर्व यह गांव देसी शराब के लिए जाना जाता था। इस गांव के लगभग सभी घरों में शराब बनाई जाती थी। फुटबॉल क्रांति आने से आज इस गांव के हर दूसरे घर के बच्चे फुटबॉल खेलते हैं। गांव से 45 बच्चे नेशनल लेवल तक फुटबॉल खेल चुके हैं। इसी कारण यहां फुटबॉल एकेडमी फीडर सेंटर खुलने जा रहा है। इसके लिए कोच की नियुक्ति भी कर दी गई है।

गांव में फुटबॉल एकेडमी की हो रही शुरुआत

इसके साथ ही विचारपुर गांव में साईं की ओर से एक फुटबॉल एकेडमी भी शुरू की जा रही है। फुटबॉल एकेडमी फीडर सेंटर के तौर पर शुरू किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन संचनालय खेल और युवा कल्याण विभाग भोपाल के माध्यम से फुटबॉल फील्ड सेंटर विचारपुर के लिए कोच पद पर गांव की ही लक्ष्मी सहित को चुना गया है। लक्ष्मी सहित फुटबॉल की माहिर खिलाड़ियों में से एक है और वह विचारपुर की ही रहने वाली है।

नौ बार नेशनल फुटबॉल टीम में खेल चुकी

कोच लक्ष्मी सहिता नौ बार नेशनल फुटबॉल टीम में खेल चुकी है। अब विचारपुर के मैदान में बच्चों को फुटबॉल सिखा रही है। फुटबॉल एकेडमी खुल जाने से बच्चे खेल की बारीकी सीख रहे हैं। जो बच्चे एकेडमी में खेल रहे हैं, उन्हें अच्छी खुराक के लिए थोड़ा मानदेय भी दिया जा रहा है। इससे बच्चे अपनी डाइट की कमी को पूरा कर सकेंगे और फुटबॉल के लिए बेहतर खिलाड़ी बन सकेंगे।मन की बात कार्यक्रम में रईस अहमद कोच की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कोच रईस अहमद की बात की है। रईस अहमद वर्तमान में सहायक संचालक खेल एनआईसी फुटबॉल कोच है। उन्होंने बताया कि आज पूरे शहडोल संभाग में फुटबॉल क्रांति के तहत एक हजार फुटबॉल क्लब बनाए जा चुके हैं। जिसमें 28000 से ज्यादा बच्चे जुड़े हुए हैं जो कि प्रतिदिन फुटबॉल खेलते हैं। पूरे संभाग में फुटबॉल क्रांति के तहत लगातार टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फुटबॉल खेलने से बच्चे फिजिकली फिट तो हो ही रहे हैं। इसके साथ ही बच्चे नशे से और मोबाइल की लत से भी दूर हैं। फुटबॉल खेलने से बच्चे फिजिकली फिट होंगे, जिससे सेना और पुलिस में आसानी से उनकी भर्ती हो सकेगी।


from https://ift.tt/HgTykvB

Comments