पतन नह वगनर चफ क य ह असल दशमन रस म तखतपलट क कशश स सहम दनय

मास्‍को: रूस में तख्‍तापलट की कोशिश के बाद प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन लापता हैं। पिछले 24 घंटे में वह नहीं देखे गए हैं। येवगेनी को बेलारूस जाना था लेकिन अभी तक वह पहुंचे नहीं हैं। वहीं वैगनर चीफ का खत्‍म खात्‍मा करने की धमकी देने वाले रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी इस शर्मनाक घटना के बाद नहीं देखे गए हैं। व‍िशेषज्ञों का कहना है कि वैगनर चीफ का यह तख्‍तापलट भले ही 24 घंटे ही चला हो लेकिन आपसी जलन, प्रतिस्‍पर्द्धा और महत्‍वाकांक्षा की यह लड़ाई पिछले कई महीने से चल रही थी। इस पूरी सनसनीखेज घटना में येवगेनी के अलावा दो किरदार ऐसे थे जिनकी चर्चा कम हुई। ये थे रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और सेना प्रमुख वलेरी गेरासिमोव। आइए समझते हैं पूरा मामला बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर चीफ पूर्व अपराधी हैं और 1980 के दशक में संगठित अपराधों में शामिल रहे हैं। इन्‍हें कई साल तक जेल में गुजारना पड़ा था। येवगेनी को पैदा करने वाले रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन हैं जिनके वह शेफ कहे जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर के जरिये पुतिन ने दुनिया से जमकर पैसा बनाया। साल 2014 में वैगनर का गठन होने के बाद वह पुतिन के दुनियाभर में रूस का प्रभाव बढ़ाने का प्रमुख हथियार बन गए। वैगनर में रूस के स्‍पेशल फोर्सेस में शामिल रह चुके कई कमांडो शामिल हुए। पुतिन ने वैगनर की मदद से सीरिया में राष्‍ट्रपति बशर अल असद की मदद की और अफ्रीकी देश माली में फ्रांस के प्रभाव को खत्‍म कर दिया।

वैगनर बनाम रूसी रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख

पुतिन ने वैगनर को अपना खुद का पॉवर बेस बनाने दिया जो रूस की सेना और सुरक्षा से जुड़े दिग्‍गजों के लिए प्रतिस्‍पर्द्धी बन गया। इतनी ताक हासिल करने के बाद वैगनर चीफ पुतिन के निजी सलाहकारों में शामिल नहीं हो सके। येवगेनी अक्‍सर मास्‍को में तैनात अधिकारियों की आलोचना करते रहते थे और उन्‍हें भ्रष्‍ट और आलसी बताते रहते थे। वैगनर चीफ को वर्षों से सबसे ज्‍यादा नफरत सेना प्रमुख वलेरी गेरसिमोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को लेकर है। रूसी रक्षा मंत्री पुतिन के सबसे प्रमुख सलाहकारों में से हैं। वह कई साल से रूसी सेना को संभाल रहे हैं लेकिन उन्‍होंने कभी सेना में काम नहीं किया। वह कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से आगे बढे़ हैं। इस प्रतिस्‍पर्द्धा की लड़ाई में तीसरा किरदार सेना प्रमुख गेरासिमोव का है। वह चेचेनिया में व‍िद्रोह को दबा चुके हैं और सोव‍ियत संघ के बाद सबसे लंबे समय तक सेना प्रमुख रह चुके हैं। वैगनर चीफ ने ज्‍यादा पैसे देकर रूस के स्‍पेशल फोर्सेस के जवानों को अपने पास बुला लिया और अब वह ताकत का खुलकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे दोनों के बीच काफी लंबे समय तनाव बना हुआ है। इस तनाव के बीच यूक्रेन में बखमुत की लड़ाई में हजारों की तादाद में वैगनर सैनिकों के मारे जाने पर येवगेनी की रूसी सैन्‍य नेतृत्‍व के प्रति नफरत खुलकर सामने आ गई।

वैगनर चीफ को इसलिए थी रूसी सैन्‍य नेतृत्‍व से नफरत

कई व‍िश्‍लेषकों का कहना है कि बखमुत पर कब्‍जे का उद्देश्‍य वैगनर चीफ का जीत का क्रेडिट लेना था। वह कई बार आरोप लगा चुके थे कि रूसी रक्षामंत्री और सेना प्रमुख दोनों ही वैगनर की जीत का क्रेडिट छीनने का प्रयास कर रहे हैं। वह भी त‍ब जब उनके हजारों की तादाद में लड़ाके मारे जा चुके हैं। वहीं इस प्रतिस्‍पर्द्धा को पुतिन ने जारी रहने दिया। पुतिन की यह रणनीति रहती है कि वह परस्‍पर व‍िरोधी गुटों को प्रभाव हासिल करने के लिए भिड़ने देते हैं। व‍िश्‍लेषकों के मुताबिक इसके पीछे पुतिन की सोच यह रहती है कि ये गुट आपस में भिड़े रहेंगे तो उन्‍हें चुनौती नहीं मिल पाएगी। वैगनर चीफ भी पुतिन की सीधी आलोचना करने से बचते थे जिसे व‍िद्रोह के दौरान आखिरकार उन्‍होंने छोड़ दिया था। दुनिया में सबसे ज्‍यादा परमाणु बम रखने वाले रूस में इस तख्‍तापलट से पूरी दुनिया सहम गई थी।


from https://ift.tt/jhxNMRA

Comments