रस स नकलकर बलरस म 'कल' बन रह वगनर सन घबरए पलड और एसटनय नट स लगई गहर
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मिंस्क: रूस में असफल तख्तापलट के बाद अब वैगनर की प्राइवेट सेना और उसका चीफ येवगेनी प्रिगोझिन बेलारूस पहुंच चुका है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि इस प्राइवेट सेना के लिए बेलारूस की राजधानी मिंस्क के दक्षिण-पूर्व में एक नया सैन्य अड्डा बनाया जा रहा है। रूस की मीडिया के मुताबिक यह सैन्य अड्डा बेलारूस के कस्बे असिपोविची में बनाया जा रहा है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सैटलाइट तस्वीरों से पता चला है कि यहां तसेल गांव के पास 14 जून तक जमीन खाली थी लेकिन अब वहां पर नए निर्माण को तेजी से पूरा किया जा रहा है। अफ्रीका से सीरिया तक कोहराम मचाने वाले वैगनर के 25 हजार लड़ाकुओं के बेलारूस पहुंचने से पड़ोस में स्थित नाटो देशों की धुकधुकी बढ़ गई है। इससे पहले बेलारूस के अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर ग्रुप को न्योता दिया था कि वह उनके देश में आकर रहे। इसके बदले में उन्हें रूस में तख्तापलट को रोकना होगा। वैगनर को पुतिन सरकार ने भी माफ कर दिया है। हालांकि अब कहा जा रहा है कि यूक्रेन में वैगनर समूह को लड़ने नहीं दिया जाएगा। पुतिन ने अपने ऐलान में कहा था कि वैगनर के लड़ाके स्वतंत्र हैं या तो वे बेलारूस चले जाएं या रूसी सेना में शामिल हों या फिर घर चले जाएं। वहीं वैगनर के चीफ प्रिगोझिन ने कहा है कि उन्होंने सैन्य नेतृत्व में बदलाव के लिए यह बगावत की थी।
वैगनर के बेलारूस पहुंचने से पड़ोसी देशों की घबराहट
बेलारूस के तानाशाह ने एक खाली पड़े मिलिट्री बेस का जिक्र किया था और कहा था कि वहां बाड़ लगी हुई है, सबकुछ मौजूद है और आप अपना टेंट लगा लो। इस बीच वैगनर सेना के बेलारूस पहुंचने से पड़ोसी देशों की घबराहट बढ़ गई है। नाटो के सदस्य देश एस्टोनिया और पोलैंड ने नाटो की अगली महीने होने जा रहे वार्षिक शिखर सम्मेलन से ठीक पहले जोर देकर कहा कि वैगनर लड़ाकुओं पर कड़ी निगरानी बरतने की जरूरत है। अफ्रीका से लेकर सीरिया तक में तांडव मचाने वाले वैगनर लड़ाकुओं के बेलारूस पहुंचने से एस्टोनिया को खतरा महसूस हो रहा है। एस्टोनिया की पीएम और यूक्रेन की जमकर सहायता करने वाली काजा कल्लास ने रूस के यूक्रेन पर हमले में बेलारूस को सह आक्रमणकर्ता करार दिया है। उन्होंने कहा, 'बेलारूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और वह खतरनाक है। यह नहीं बदला है। हम किसी भी घटनाक्रम के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।' इससे पहले बुधवार को पोलैंड और लिथुआनिया के राष्ट्रपतियों ने यूक्रेन की राजधानी कीव की अचानक से यात्रा की और यूक्रेन के नाटो में शामिल किए जाने का समर्थन किया।वैगनर का खतरा, नाटो मजबूत करेगा पूर्वी मोर्चा
इस दौरान पोलैंड के राष्ट्रपति ने वैगनर ग्रुप के बेलारूस पहुंचने को नाटो के पूर्वी मोर्चे के लिए बड़ा खतरा बताया था। उन्होंने कहा कि वैगनर ग्रुप से उनके देश और लिथुआनिया के लिए संभावित खतरा हो सकता है। ये दोनों ही देश बेलारूस के साथ सीमा साझा करते हैं। कल्लास और पोलैंड के राष्ट्रपति दोनों ने ही नाटो से अपील की कि वे वैगनर की उपस्थिति को लेकर सतर्क रहें। बताया जा रहा है कि अगले महीने होने वाले सम्मेलन में नाटो देश अपने पूर्वी मोर्चे को मजबूत करने के लिए प्लान को मंजूरी दे सकते हैं।from https://ift.tt/HdSO2eb
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