'आउटडटड टकनलज 4 गन जयद कमत...' कगरस न परडटर डरन सद म भरषटचर क लगए आरप
![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/101332448/photo-101332448.jpg)
नई दिल्ली : कांग्रेस ने अमेरिका के साथ 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार पर ज्यादा कीमत में ड्रोन खरीदने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि 880 करोड़ रुपये प्रति ड्रोन के हिसाब से 25000 करोड़ रुपये में 31 ड्रोन खरीदा जा रहा है लेकिन बाकी देश इसे इससे 4 गुना कम कीमत में खरीदते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रोन खरीद में नियमों का भी पालन नहीं किया गया। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी की बैठक किए बिना इसका सौदा किया गया।पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पीएम मोदी के महंगे शौक देश के लिए महंगे पड़ रहे हैं। जो राफेल डील में हुआ, वही अब प्रीडेटर ड्रोन की खरीद में भी दोहराया जा रहा है। जिस मुल्क को बाकी मुल्क 4 गुना कम कीमत में खरीदते हैं, उसी ड्रोन को हम 110 मिलियन डॉलर यानी 880 करोड़ रुपये प्रति ड्रोन के हिसाब से खरीद रहे हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के जॉइंट स्टेटमेंट के पॉइंट नंबर 16 में इन ड्रोन का जिक्र है।'खेड़ा ने आरोप लगाया कि सीसीएस की बैठक तक नहीं हुई, अकेले मोदी जी ने डील कर ली। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ड्रोन डील में ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी भी शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने डीआरडीओ को रुस्तम और घातक ड्रोन को बनाने के लिए 1786 करोड़ रुपये दिए थे। फिर अमेरिका को 25 हजार करोड़ दे आए। या तो ये 1786 करोड़ गलत दिया या फिर 25 हजार करोड़ गलत दिया। दोनों तो सही नहीं हो सकते।'कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन आउटडेटेड टेक्नॉलजी वाले हैं फिर भी उन्हें ऊंची कीमत में खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा, 'लोकसभा में एक सवाल पूछा गया था इसी ड्रोन के बारे में कि क्या इस डील में ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी है या नहीं, तो जवाब दिया गया कि नहीं, टेक्नॉलजी ट्रांसफर नहीं है। आप इस कीमत में पूरी तरह से टेक्नॉलजी भी नहीं ले रहे हैं तो फिर 25 हजार करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रहे हैं?'
from https://ift.tt/95erNLV
Comments
Post a Comment