सख गरदवर एकट 1925 म सशधन करग पजब सरकर CM भगवत मन क इस ऐलन क बद बच कय मच बवल?
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चंडीगढ़: पंजाब में मुख्यमंत्री सिंह अमृतसर के से जुड़े 98 साल पुराने कानून को बदलने जा रही। उन्होंने ट्वीट कर इसका ऐलान किया है, जिसके बाद से उनका विरोध शुरू हो गया है। भगवंत मान ने ऐलान किया है कि पंजाब सरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 में एक नया क्लॉज जोड़ेगी। जिससे श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी का प्रसारण सभी के लिए मुफ्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव के एजेंडे को मंजूरी दी जाएगी। 20 जून को विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा। भगवंत माने के इस ऐलान के बाद उनका विरोध भी शुरू हो गया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के अंश पढ़ते हुए कहा कि अधिनियम में यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। दिल्ली में बैठे राजनीतिक गुरु को खुश करने की कोशिश में एक धार्मिक मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। पंजाब सरकार इस अधिनियम को नहीं बना सकते क्योंकि इसे विभाजन से पहले इसके द्वारा तैयार किया गया था। इसे कोई संशोधित नहीं कर सकता।सुखपाल खैरा ने भगवंत मान से किया सवालकांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने भी इस मुद्दे पर सीएम मान से सवाल किया। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि पंजाब सरकार मौजूदा सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 को केंद्रीय अधिनियम के रूप में न तो छेड़छाड़ कर सकती है और न ही इसमें संशोधन कर सकती है। खैरा ने कहा कि मैं आश्चर्य हूं कि कैसे भगवंत मान उक्त अधिनियम में एक खंड जोड़ने के लिए बोल रहे हैं। हां, विधानसभा एक प्रस्ताव पारित कर सकती है और अपनी मांगों को जोड़ने के लिए केंद्र को भेज सकती है। मेरे ट्वीट का उद्देश्य इस सवाल पर है कि क्या राज्य सरकार ऐसा करने की हकदार है?अकाली दल और बीजेपी ने की निंदाअकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री की कार्रवाई को 'असंवैधानिक' और 'सिख धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप' करार दिया। बीजेपी नेता सुनील जाखड़ ने घोषणा की निंदा करते हुए कहा कि मान राजनीतिक हिसाब बराबर करने की कोशिश कर रहे है।एक्ट में संशोधन नहीं कर सकती सरकारशिरोमणि अकाली दल बादल की दिल्ली इकाई के नेता परमजीत सिंह सरना ने कहा कि सत्ता के नशा के अहंकार में मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन करने का ऐलान कर गुरु घर के साथ टकराने की कोशिश कर रहे हैं। सरना ने कहा कि भगवंत मान को पता ही नहीं कि पंजाब सरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन नहीं कर सकती। मान को गुरुघर और सिख पंथ के साथ टकराव वाले हालात पैदा करने से बाज आना चाहिए। मान सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने की जगह अपना सारा ध्यान पंजाब सरकार के काम में लगाना चाहिए।
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