डिफॉल्टर बना अमेरिका को बर्बाद हो जाएंगे चीन और जापान, जानिए क्या है वजह
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नई दिल्ली: हर गुजरते दिन के साथ अमेरिका के डिफॉल्ट होने का खतरा (US Default Risk) बढ़ता जा रहा है। अमेरिका कि वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने चेतावनी दी है कि अगर डेट सीलिंग की लिमिट नहीं बढ़ाई तो उनका देश एक जून को डिफॉल्ट कर जाएगा। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार होगा। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और उसके डिफॉल्टर बनने से चीन तथा जापान को खुशी होनी चाहिए थी। लेकिन मामला एकदम उल्टा है। दूसरे नंबर की इकॉनमी चीन और तीसरे नंबर पर मौजूद जापान ऐसा न होने की दुआ कर रहे हैं। उनकी सांसें अटकी हुई हैं। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी के सरकारी कर्ज में चीन और जापान सबसे बड़े विदेशी निवेशक हैं। विदेशी सरकारों के पास अमेरिका के 7.6 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी बॉन्ड हैं। इनमें से एक चौथाई से अधिक यानी दो ट्रिलियन डॉलर चीन और अमेरिका के पास है।सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने साल 2000 में अमेरिका के सरकारी बॉन्ड्स को खरीदना की प्रक्रिया तेज की थी। यह वह दौर था जब अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ (WTO) में चीन के एंट्री को मान्यता दी थी। इससे चीन से एक्सपोर्ट में तेजी आई और देश में भारी मात्रा में डॉलर आने लगा। इसे सही जगह निवेश करने की जरूरत महसूस हुई। अमेरिका का ट्रेजरी बॉन्ड्स को दुनिया में सबसे सुरक्षित माना जाता है और इसमें चीन की हिस्सेदारी 2013 में 1.3 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई थी। करीब एक दशक तक चीन अमेरिका के लिए सबसे बड़ा विदेशी क्रेडिटर बना रहा। लेकिन 2019 में ट्रंप सरकार और चीन के बीच तनाव गहराने के बाद चीन ने अमेरिका सरकारी बॉन्ड्स में अपना निवेश कम कर दिया और उसकी जगह जापान ने ले ली।
कितना है चीन-अमेरिका का इनवेस्टमेंट
आज स्थिति यह है कि अमेरिका के सरकारी बॉन्ड्स में जापान का इनवेस्टमेंट 1.1 ट्रिलियन डॉलर है जबकि चीन की हिस्सेदारी 870 अरब डॉलर है। यानी अगर अमेरिका डिफॉल्ट करता है तो इन दोनों को तगड़ा झटका लग सकता है। अमेरिका के डिफॉल्ट करने से उसके सरकारी बॉन्ड की वैल्यू में गिरावट आ सकती है। इससे जापान और चीन के फॉरेन रिजर्व्स में भी गिरावट आएगी। यानी उनके पास जरूरी आयात और विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए कम पैसे होंगे। अमेरिका के डिफॉल्ट से वहां की इकॉनमी मंदी में फंस सकती है। ऐसा हुआ तो इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है। चीन की इकॉनमी अभी कोरोना वायरस के असर से नहीं निकल पाई है जबकि जापान में रिकवरी अब शुरू हुई है।from https://ift.tt/MRaNnSg
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