गुजरात हाईकोर्ट में राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई टली, जस्टिस ने कहा, नॉट बिफोर दिस कोर्ट, जानिए पूरा मामला

अहमदाबाद: के एक न्यायाधीश ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जिसके चलते राहुल गांधी की तरफ से सेशंस कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई तय नहीं हो पाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। 2019 में राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इस सजा को सेशंस कोर्ट ने बरकरार रखा था। राहुल गांधी ने सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है। क्या हुआ हाईकोर्ट में? गुजरात हाईकोर्ट में कांग्रेस राहुल गांधी के वकली पंकज चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की, लेकिन संक्षिप्त सुनवाई के बाद अदालत ने कहा, "मेरे सामने नहीं (नॉट बिफोर मी)। गुजरात हाईकोर्ट में इस घटनाक्रम के बाद राहुल गांधी के वकील पंकज चंपानेरी ने कहा कि उन्होंने कहा कि अब मामले को किसी अन्य अदालत में रखने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को एक नोट भेजा जाएगा। चीफ जस्टिस सुनवाई के लिए सिंगल बेंच तय करेंगे। चंपानेरी ने कहा कि मामले को न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत में ले जाने का अनुरोध किया गया था, क्योंकि उनकी कोर्ट निचली अदालत के फैसलों के चुनौती (Criminal Revision) वाले केस सुनती है। कल सुनवाई के आसार राहुल गांधी की अपील पर गुजरात हाईकोर्ट की कौन सी बेंच सुनवाई करेगी? इस सवाल का उत्तर 27 अप्रैल को होने की उम्मीद है। गुजरात हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए जे देसाई गुरुवार को सुनवाई के लिए कोई बेंच तय कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को कोर्ट में संक्षिप्त सुनवाई होने के बाद अगली तारीख भी तय हो सकती है।


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