माथे पर ₹10,62,69,34,50,000 का कर्ज, फिर भी मुस्कुरा रहे हैं अनिल अग्रवाल, ये है वजह

नई दिल्ली: माइनिंग किंग के नाम से लोकप्रिय समूह () के मालिक (Anil Agrawal ) इन दिनों अपनी कंपनी पर भारी भरकम कर्ज को लेकर चर्चा में है। खासकर जब से अडानी समूह पर हिंडनबर्ग ( Hindenburg) की रिपोर्ट आई, उसके बाद से वेदांता के कर्ज को लेकर भी चर्चा होने लगी है। हालांकि अनिल अग्रवाल बार-बार कहते रहे हैं कि कर्ज उनके लिए कोई परेशानी या टेंशन नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पास पर्याप्त कैश फ्लो हैं और देनदारी चुकाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले 2 से 3 सालों में वो कंपनी को नेट डेब्ट फ्री यानी कर्ज मुक्त कर लेंगे।

कर्ज चुकानी की क्षमता पर सवाल करना गलती

अनिल अग्रवाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि कर्ज चुकाने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाना अप्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि कारोबार को बड़ा करने, उसमें निवेश बढ़ाने के लिए कर्ज लिया गया है। कंपनी पर 13 अरब डॉलर यानी करीब ₹10,62,69,34,50,000 का कर्ज है। उन्होंने कंपनी के बैलेंसशीट के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने इस साल 7 अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा कमाया है। अगले साल वेदांता की आय 30 अरब डॉलर और प्रॉफिट 9 अरब डॉलर के पास होगा। उनके पास कैश फ्लो कर्ज से अधिक है। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी किसी भी लोन के पेमेंट में कोई देरी नहीं की है। हमारा रिकॉर्ड बिल्कुल साफ है। उन्होंने समय पर सभी लोन और बॉन्ड का भुगतान किया गया।

नेट जीरो डेट कंपनी बनाना

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है अगले 2 से 3 साल के भीतर हमें नेट जीरो डेट वाली कंपनी बनना है। उन्होंने कहा कि उनके कर्ज पर उठ रह सवाल बिल्कुल फालतू है। उन्होंने कहा कि जितना बड़ा हमारा आकार है, उस मुकाबले हमपर कर्ज बहुत कम है। कर्ज चुकाने के लिए हम बहुत ही आरामदायक स्थिति में हैं। हमारे पास कर्ज भुगतान के लिए योजना है। गौरतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने जब अडानी समूह के भारी भरकम कर्ज को लेकर अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाया उसके बाद से उन समूहों पर निगरानी बढ़ गई, जिनपर कर्ज है। इसी के बाद से वेदांता के कर्ज पर भी सवाल उठने लगे है।


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