अप्रैल में महाविकास अघाड़ी की महासभा, निशाने पर शिंदे सरकार, आरोप- सदन में गैरहाजिर रहे मंत्री
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मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र शनिवार की शाम को खत्म हो गया। सत्र के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि विधानमंडल का कामकाज चलाने को लेकर सरकार गंभीर नजर नहीं आई। चर्चा के दौरान अक्सर मंत्री सदन में गैर हाजिर रहते थे। नियम-प्रथा तोड़ने का काम हुआ। यह लोकतंत्र के लिए बेहद गंभीर बात है। विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता ने कहा कि इसलिए महाविकास अघाड़ी आगामी 2 अप्रैल से सरकार के खिलाफ संयुक्त सभा करने जा रही है। विधान मंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा में पवार ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि सदन में मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी। सदन में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों की उपस्थिति बेहद कम रही। कई बार जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए गए तो उनका उत्तर देने के लिए सदन में मंत्री मौजूद थे, ऐसे में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा को स्थगित करना पड़ा।अधिवेशन जनता के सवाल रखने का मंच है, हमने विरोध की भूमिका नहीं अपनाई। हमारी भूमिका सभागृह चलाने की थी, लेकिन सरकार किसी की कोई बात सुनना नहीं चाहती थी। सत्तारूढ़ दल को सभागृह और विधानमंडल की सीढ़ियों पर हंगामा करते देखा गया, यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर को जूतों से पीटा, इससे विधानमंडल की पवित्रता भंग हो गई। हमने अलग-अलग माध्यम से महत्वपूर्ण सवाल रखने के प्रयास किए।'पुरानी पेंशन पर ठोस निर्णय नहीं'अजित पवार ने कहा कि पुरानी पेंशन, एसटी कामगारों की समस्याओं को लेकर सरकार कोई परमानेंट हल नहीं निकाल सकी। किसान आंदोलन कर रहे थे। उन्हें भी किसी प्रकार की मदद नहीं दी। दादर में एक विधायक ने गोली चलाई, लेकिन कहा गया कि विधायक की रिवाल्वर से गोली चली, लेकिन विधायक ने नहीं चलाई। हमने कई घोटाले का खुलासा किया, लेकिन सरकार ने उत्तर नहीं दिया। महाविकास आघाडी सरकार के दौरान मराठवाडा मुक्ति संगाम महोत्सव मनाने का फैसला हुआ था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई हलचल नजर नहीं आई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पहली बार निष्ठुर, बहरी सरकार देखने को मिली। राज्य के कृषि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में 11 किसानों ने आत्महत्या की, लेकिन कृषि मंत्री ने जो उत्तर दिया, वह सरकार के बहरेपन का उदाहरण है। देश के अन्नदाता का अपमान किया गया। हमारा यह सवाल है कि गतिमान सरकार तिजोरी लूटने के लिए है या फिर जनता के लिए मदद के लिए?फेल रही सरकार : आदित्यआदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार फेल रही। राज्य को पीछे लेकर जाने वाले मुख्यमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए। यह पहली बार देखा कि सत्ताधारी दल के विधायक व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे थे।
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