महाराष्ट्र के इस गांव के बैंक में कभी नहीं लगाए जाते ताले, ग्रामीणों का विश्वास भगवान करते हैं रखवाली

मुंबई: आज के इस हाईटेक जमाने में जब भी हम अपना घर, मकान, दुकान या दफ्तर बनवाते हैं तो उसमें सबसे ज्यादा सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि अंदर रखी जाने वाली वस्तू सुरक्षित रहे। उस पर चोरों की बुरी नजर न पड़े। ताकि चोरी या लूटपाट जैसी कोई वारदात न होने पाए। आमतौर पर बैंक में हम अपने रुपए, पैसे और जेवर यह मानकर रखते हैं कि वो यहां पर सेफ रहेगा। इसके लिए बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर काफी पैसा खर्च किया जाता है। बैंक के दरवाजे पर सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात किए जाते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र में एक ऐसा भी गांव है जहां के बैंक की शाखा में कभी ताला नहीं लगता है। बावजूद इसके वहां कभी चोरी नहीं होती है। इतना ही नहीं जिस गांव में यह बैंक है वहां पर भी किसी घर में ताला नहीं लगाया जाता है। यहां के घरों में लोग दरवाजे नहीं बनवाते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि इस गांव की रक्षा खुद शनिदेव करते हैं। शायद आप समझ गए होंगे कि हम महाराष्ट्र के किस गांव की बात कर रहे हैं। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं शनि शिंगणापुर की। जिसके पूरे देश और दुनिया में शनिधाम के रूप में जाना जाता है। इस मुद्दे पर जब नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने शनि शिंगणापुर के एकमात्र यूको बैंक के मैनेजर राहुल लेकुरकर से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पूरे गांव में यह मान्यता है कि इस गांव की रक्षा खुद शनिदेव करते हैं। ऐसे में यहां ताला लगाने का प्रश्न नहीं उठता है। इस बाबत आला अधिकारियों को भी सूचित किया गया है और उनकी इजाजत के साथ में यहां ताला नहीं लगाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि दिन हो या रात, चौबीसों घंटे बैंक के मेन गेट पर कभी भी ताला नहीं लगाया जाता है। यह हमेशा ओपन ही रखा जाता है। साथ ही अभी तक यहां चोरी की भी कोई वारदात अभी तक सामने नहीं आई है। घर में भी नहीं लगाते तालेमहाराष्ट्र राज्य का यह एकमात्र गांव है जहां घरों में दरवाजे और ताले नाम की कोई चीज नहीं होती है। खास बात यह है कि इस गांव में चोरी की कोई भी वारदात सामने नहीं आई है। गांव के लोगों का शनिदेव पर इतना अटूट विश्वास है कि नया घर बनवाने पर भी लोग घर में दरवाजा नहीं बनवाते, सिर्फ घर की चौखट बनवाई जाती है। जरूरत पड़ने पर कुत्ते और बिल्लियों को घर में आने से रोकने के लिए भले ही दरवाजे पर लकड़ी के डंडे लगा दिए जाते हों लेकिन ताला कभी भी नहीं लगाया जाता। यहां के लोगों का मानना है कि अगर कोई गांव में चोरी करने का प्रयास करेगा तो शनि देव उसे दंडित तो भी करेंगे क्योंकि वह खुद गांव की रक्षा करते हैं। क्यों नहीं लगाते दरवाजा, गांववालों की मान्यता क्या? राज्य के शनि शिंगणापुर के लोगों की ऐसी मान्यता है कि तकरीबन 300 साल पहले भारी बाढ़ बाद एक भारी काली चट्टान को ग्रामीणों ने देखा। जब लोग वहां पहुंचे और उस पर उसे छूकर देखा और दबाया तो उस पत्थर से खून निकलने लगा। उसी रात गांव के मुखिया को सपने में शनि देव ने दर्शन भी दिया और कहा कि मेरे नाम का एक मंदिर बनाने बनाओ। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह इस गांव की सुरक्षा खुद करेंगे लेकिन उनके मंदिर पर छत नहीं होनी चाहिए। सपने में मिले इस आदेश के बाद शनिदेव का मंदिर बनाया गया। तब से ही घरों पर लगे ताले और दरवाजों को हटा दिया गया। तब से लेकर आज तक यहां पर चोरी की वारदात सुनने को नहीं मिली है।


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