जिस नीतीश कुमार के सामने कोई खड़ा न हो पाया, उनकी पार्टी के अध्यक्ष दे रहे 'पैर न छूने' की नसीहत... जानिए क्यों

पटना: ने NDA से नाता तोड़ने के बाद कई बड़े फैसले लिए। इन्हीं में से एक है राजीव रंजन उर्फ को दोबारा से राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंपना। अब ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन ने भी एक बड़ा फैसला ले लिया है। ये काफी पुरानी परिपाटी रही है कि बिहार की राजनीति में चरण वंदना करना आगे बढ़ने का मूलमंत्र माना जाता रहा है। लेकिन अब बड़े नेताओं के पांव छूकर कुछ काम निकाल लेना JDU में उतना आसान नहीं रह जाएगा। एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ये साफ कर दिया है। राजीव रंजन सिंह ने कल यानि मंगलवार को कार्यकर्ताओं को दो टूक कह दिया कि वो बड़े नेताओं के पांव छूने से बचें।

JDU में पांव छूना बंद करें कार्यकर्ता- ललन सिंह

एक हिंदी अखबार को दिए साक्षात्कार में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि 'वो (कार्यकर्ता) पांव छूने से परहेज करें। पैर छूना एक तरह से सामंती व्यवहार का अंग है। हम समाजवादी हैं। हमारे यहां पांव छूने की परंपरा से बचना चाहिए। संगठन में काम करने वालों को तरजीह मिलती रही है। पांव छूकर प्रणाम करके पद लेने की परंपरा जेडीयू में नहीं हैं। कुछ दूसरी पार्टियों में यह परिपाटी जरूर है।'

JDU में कार्यकर्ता ही सबसे ऊपर- ललन सिंह

ललन सिंह ने इस इंटरव्यू में कहा कि 'हमारी पार्टी में कार्यकर्ताओं का स्थान सर्वोच्च यानि सबसे ऊपर है। गांव-देहात लेकर मुहल्लों तक में उन्हीं की मेहनत से ही JDU का आधार बना है। कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही पार्टी को चुनावों में जीत मिलती है। ऐसे में ये बेहद खराब लगता है कि दूसरे जिलों से आए कार्यकर्ता या फिर नेता हेडक्वार्टर में बैठे लोगों को पैर छूकर प्रणाम करें। कई बार अधिक उम्र के कार्यकर्ता भी कम उम्र के लेकिन पदवालों के पैर छू लेते हैं। इससे हास्यास्पद स्थिति पैदा हो जाती है।'

नीतीश की पार्टी में कोई खड़ा न हो पाया

मशहूर पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार से जब इस मसले पर NBT की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि 'नीतीश कुमार की जेडीयू में सिर्फ उन्हीं का नाम चलता है। कोई दूसरा चेहरा आज तक उनके मुकाबले खड़ा नहीं हो पाया। ही सर्वेसर्वा हैं, पार्टी भले ये दावा करे कि वो प्रजातांत्रिक तरीके से चलती है लेकिन सारे निर्णय नीतीश के ही होते हैं। अगर इस स्थिति में भी ललन सिंह ये बात कह रहे हैं कि कार्यकर्ताओं को पैर नहीं छूना है तो इसे एक अच्छी शुरूआत कह सकते हैं।'


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