गहलोत के 3 'हथियार', जिसके जरिए पायलट के जहाज को उड़ने से रोकने की है प्लानिंग
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जयपुर: राजस्थान कांग्रेस की कलह () को सुलझाने के लिए अब 10 जनपथ दिल्ली में अहम बैठक होगी। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आवास पर पूरे मामले में आगे की रणनीति बनेगी। राजस्थान के ऑब्जर्वर बनाए गए मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर से दिल्ली लौट रहे। वहां सोनिया गांधी से मिलकर वो जयपुर में हुए घटनाक्रम की रिपोर्ट रखेंगे। वहीं अजय माकन ने साफ कर दिया कि जयपुर में विधायकों ने जिस तरह से अलग बैठक की वो अनुशासनहीनता है। इस दौरान जिस तरह से गहलोत के तीन सिपहसालार माकन और खड़गे से मिलने पहुंचे तो उनको लेकर चर्चा शुरू हो गई। हम बात कर रहे शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप खाचरियावास, जो रविवार को कांग्रेस पर्यवेक्षकों से मिलने पहुंचे, यही नहीं उन्होंने तीन शर्तें भी रखीं। जिस पर अजय माकन ने नाराजगी भी जताई है। गहलोत गुट के विधायकों ने रखी 3 शर्तें- अजय माकन अजय माकन ने कहा कि हमें एक प्रस्ताव पास कराना था कि भावी मुख्यमंत्री के फैसले का अधिकार आलाकमान को दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस विधायकों ने तीन शर्तें रख दी। पहली शर्त - प्रस्ताव भले ही पास कर लिया जाए लेकिन उसकी पालना 19 अक्टूबर के बाद की जाए। दूसरी शर्त - हम सब विधायक ऑब्जर्वर से वन टू वन मुलाकात करने के बजाय ग्रुप में मिलेंगे और अपनी बात कहेंगे। तीसरी शर्त - सियासी संकट के समय जो 102 विधायक सरकार बचाने के लिए डटे हुए थे, उन्हीं में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाय। जो 19 विधायक सरकार गिराने की कोशिश में थे, वे मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार्य नहीं है। क्या डबल गेम खेल रहे अशोक गहलोत? अजय माकन ने कहा कि सीएम गहलोत की अनुमति के बाद ही बैठक बुलाई गई थी। इसके बावजूद भी कोई भी अधिकतर विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे। जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए अजय माकन ने साफ कहा कि हम विधायकों का इंतजार करते रहे लेकिन विधायक मुख्यमंत्री आवास पर प्रस्तावित विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे। फिलहाल इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर गहलोत की ओर से सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा गया। हालांकि, उनकी ओर से जिन तीन नेताओं ने मोर्चा संभाला शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप खाचरियावास हैं। हालांकि, उनके इस दांव से पार्टी नेतृत्व नाराज नजर आ रही। अब 19 अक्टूबर का इंतजारअब 19 अक्टूबर तक विधायक दल की बैठक नहीं होगी। 19 अक्टूबर तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया चलेगी। वहीं दिल्ली दरबार में होने वाली बैठक में राजस्थान के सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस अध्यक्ष को रूबरू कराया जाएगा। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहेंगे। राजस्थान में रविवार को जो हालात बने, उसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी। उसके बाद इस कलह को सुलझाने के लिए क्या निर्णय लेना है। यह आलाकमान को तय करना है। फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान के सीएम पर क्या फैसला होगा ये तो पार्टी नेतृत्व करेगा, लेकिन सचिन पायलट के राजस्थान सीएम बनने की रणनीति पर गहलोत के तीन सिपहसालार जरूर पानी फेरते दिख रहे। रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर
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