Simone Biles: मैदान छोड़ना नहीं, कान बंद करना है कमजोरी की निशानी
‘ये कैसी ऐथलीट है? देश को रीप्रेजंट कर रही थी। ओलिंपिक जैसा कॉम्पिटिशन था। स्पोर्ट्समैनशिप तो ये नहीं होती।’ क्या होती है? जो भी होती है, किसी इंसान के दिमाग, उसकी जिंदगी से बड़ी होती है? वो ओलिंपियन है, उसे पता है मेडल की कीमत। वो कीमत चुकाकर अगर वो कोई और फैसला कर रही है तो वो कितना जरूरी होगा! और वो भी ऐसे पड़ाव पर। उसके मन के अंदर कितना शोर मचा होगा जो उसने भीड़ की उम्मीदों को गूंगा कर दिया…
from Navbharat Times https://ift.tt/3lbGfqD
from Navbharat Times https://ift.tt/3lbGfqD
Comments
Post a Comment