करीब 100 साल पहले की उनकी रचनाएं आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उस जमाने में हुआ करती थीं। उनकी रचनाओं की तरह ही कुछ सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर उनके विचार आज भी उतना ही मायने रखते हैं जितना दशकों पहले। नौकरी, सैलरी, चापलूसी, मित्रता आदि पर उनके विचार आज भी प्रेरणा जैसा काम करते हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि इन चीजों के बारे में वे क्या कह गए... from Navbharat Times https://ift.tt/2KbQcjA